मार्कण्डेय काटजू के बयान ‘हिन्दी कविता में नहीं उर्दू जैसा दम’ पर कुमार विश्वास ने दिया करारा जवाब

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Punctured Satire
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मार्कण्डेय काटजू के बयान ‘हिन्दी कविता में नहीं उर्दू जैसा दम’ पर कुमार विश्वास ने दिया करारा जवाब

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति मार्कण्डेय काटजू हमेशा से ही अपने बयानों के कारण सुर्ख़ियों में रहते है। काटजू इस बार हिंदी कविता पर की गई टिप्पणी को लेकर सुर्खियों में हैं। हाल ही में काटजू ने अपने फेसबुक के एक पोस्ट में लिखा कि आधुनिक हिंदी कविता में उर्दू जैसा 'दम' नहीं है। अपने इस पोस्ट को काटजू ने ट्वीटर पर शेयर करते हुए लिखा की - आधुनिक हिंदी कविता में उर्दू जैसा 'दम' नहीं है। इस ट्वीट मे उन्होंने कुमार विश्वास, ओम थानवी, रविश कुमार के साथ और लोगो को भी टैग किया है।

मार्कण्डेय काटजू ने टैग करते हुए पूछा की उर्दू विदेशी भाषा है या भारतीय। उनके इस पोस्ट के कारण कुमार विश्वास उन पर भड़क उठे है और उन्होंने काटजू को करारा जवाब दिया है। आइये जानते है आखिरकार काटजू ने ऐसा क्या लिखा जिसपर कुमार विश्वास भड़क गए। जानते है इस पोस्ट के बारे में - काटजू ने पोस्ट पर लिखा की “मैंने अक्सर कहा है कि आधुनिक हिंदी कविता में उर्दू कविताओं जैसा दम नहीं है।” इसके अलावा काटजू ने लिखा की  “सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।” फिर इसके बाद इसी लाइन को हिन्दी शब्दों में इस तरह से लिखा है “शीश कटवाने की इच्छा अब हमारे हृदय में उपस्थित है।” फिर काटजू ने कहा है कि ये क्या आवाज़ है। क्या इसमे कोई दम है।

काटजू के इस ट्वीट पर कुमार विश्वास ने करारा जवाब देते हुआ कहा की ”हिंदी-कविता की “शक्तिमत्ता” से आपके अपरिचित रह जाने के पीछे, मेरा कोई योगदान नहीं है ! यह आपके निजी अज्ञान, आत्ममुग्धता व अशिक्षा के कारण है ! कृपया बार-बार मुझे “टैग” करके अपनी अहमन्य-कुंठा की निरर्थक उलूक-ध्वनि न करें ! ईश्वर आपको यथाशीघ्र स्वस्थ करे व आपका “न्याय” करे। “

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