गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर सौम्य तथा विनम्र नेता थे लेकिन जब भी किसी ने देश को लेकर गलत बयानबाजी की, देश को बदनाम करने की कोशिश की तो मनोहर पर्रिकर जी चुप नहीं रहे। उन्होंने देश के खिलाफ बोलने वालो को अच्छा सबक सिखाया है। साल 2015 में वो समय सभी को याद होगा जब देश में असहिष्णुता को लेकर लंबी बहस छिड़ गई थी। इस दौरान कई वैज्ञानिकों, लेखकों और फिल्म निर्माताओं ने असहिष्णुता के माहौल के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाए थे। इस दौरान कुछ बॉलीवुड स्टार्स ने असहिष्णुता के मुद्दे को लेकर चर्चा की थी।
असहिष्णुता को लेकर आमिर खान ने अपनी पत्नी किरण राव के साथ बातचीत का हवाला देकर एक बयान देते हुए कहा था की वह महसूस करते हैं कि पिछले छह से आठ महीने में देश में असुरक्षा और भय की भावना बढ़ी है। उन्होंने कहा था कि ‘मैं जब घर पर किरण के साथ बात करता हूं, वह कहती हैं कि क्या हमें भारत से बाहर चले जाना चाहिए?’ आमिर खान के देश छोड़ने वाले बयान पर मनोहर पर्रिकर ने बिना आमिर का नाम लिए कहा था कि- “एक अभिनेता ने कहा है कि उनकी पत्नी भारत से बाहर जाना चाहती है। यह घमंड से भरा बयान है। ऐसे लोग, जो लोग देश के खिलाफ बोलते हैं, उन्हें इस देश के लोगों द्वारा पाठ पढ़ाए जाने की जरूरत है।”
मनोहर पर्रिकर के इस तरह के बयान के बाद विपक्ष पार्टी कांग्रेस के कुछ नेताओं ने कहा था इस तरह मनोहर दूसरे लोगो को धमाका रहे है। कई लोग उनके इस बयान को सही बता रहे थे और कुछ विपक्ष लोग इसके खिलाफ आवाज़ भी उठा रहे थे।
बता दे 17 मार्च रविवार को भारत ने देश के कॉमन मैन और बेदाग छवि वाले नेता को खो दिया। चार बार गोवा राज्य के मुख्यमंत्री रहे और देश के पूर्व रक्षामंत्री रह चुके मनोहर पर्रिकर पैंक्रिएटिक कैंसर से पीड़ित थे और बीते काफी समय से इस गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। मनोहर पर्रिकर ने अपने जीवन की आखिरी सांस तक देश और जनता की सेवा की।