हमारे देश की मीडिया की सबसे बड़ी परेशानी ये है की उन्हें खबर नहीं सनसनी पेश करना पसंद है। पर सिर्फ मीडिया को ही दोष क्यों दें क्योंकि दर्शक जो देखना पसंद करेगा वही तो वे दिखाएँगे और आजकल ज्यादातर लोगों को सनसनी देखना ही पसंद होता है। फिर मीडिया ग्रुप सामान्य खबर को भी सनसनी बना कर पेश कर देती है और दर्शक भी उसे सही मान लेते हैं। पर सच में खबर ही कुछ और होती है, ऐसा ही कुछ हुआ मध्यप्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के साथ जिनका चॉकलेट वाला बयान मीडिया में खूब चर्चित रहा। हालांकि इस बयान को ज्यादातर मीडिया ग्रुप्स ने जिस प्रकार प्रस्तुत किया वो बिलकुल गलत था।
आजतक, इंडियन एक्सप्रेस, अमर उजाला, क्विंट जैसे कई मीडिया ग्रुप ने कैलाश विजयवर्गीय के बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया। अपने बयान में जहाँ विजयवर्गीय अभिनेता और अभिनेत्रियों को कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़वाए जाने के सवाल पर बोलते हुए चॉकलेटी शब्द का इस्तेमाल किया जिसे मीडिया ने ऐसा दिखाया की यह शब्द सिर्फ प्रियंका के लिए इस्तेमाल किया गया है।
दरअसल एक परेश वार्ता में कैलाश विजयवर्गीय से एक रिपोर्टर ने सवाल पूछा। ये सवाल था “करीना कपूर और सलमान खान… ऐसी माँग चल रही है कॉंग्रेस में। इंदौर की सीट बड़ी प्रतिष्ठित सीट है बीजेपी की, 89 से लगातार हमारे पास है। तो क्या लगता है, ये जो उत्साह है कि सितारे यहाँ से लड़ लें, कैसा दिखता है?”
इस सवाल के जवाब में बोलते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा “इससे उनके आत्मविश्वास में कमी झलकती है। उनके पास लीडर नहीं हैं और चॉकलेटी चेहरे के माध्यम से चुनाव में जाना चाहते हैं, तो ये उनके अंदर के आत्मविश्वास के कमी को दर्शाता है कि वो इस प्रकार की बात करते हैं। कॉन्ग्रेस के पास कोई फेस नहीं है और इसलिए उनके पास आत्मविश्वास की कमी है, ये दिल्ली से लेकर यहाँ तक है। आत्मविश्वास रहा होता तो प्रियंका जी को चुनाव में थोड़ी लाते, तो लगता है कि हमारे लीडर को मदद की जरुरत है तो कोई करीना कपूर का नाम चलाता है, कोई सलमान खान का नाम चलाता है। कभी प्रियंका जी को ले आते हैं, इसका मतलब है ये कि राहुल जी के नेतृत्व के प्रति एक आत्मविश्वास होना चाहिए और आत्मविश्वास नहीं है देश में कॉंग्रेस के कार्यकर्ताओं में।