JNU (जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी) में हुए देशद्रोही नारेबाज़ी मामले में हाल ही में पुलिस ने चार्जशीट जारी कर दी है। बता दें की इस मामले में एक वीडियो सामने आया था जिसमे JNU के कई छात्र देश विरोधी नारे लगाते हुए देखे गए थे। इस चार्जशीट में कन्हैया कुमार सहित कई आरोपियों के विरुद्ध देशद्रोह की धारा-124ए लगाई गई है। लेकिन इसके आगे की कार्रवाई को लेकर केजरीवाल सरकार द्वारा अड़चने लायी जा रही है जिसके चलते दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगा दी है।
दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार से कोर्ट ने इस बाबत पूछा है की इस मामले में आखिर इतनी देरी क्यों हो रही है? दिल्ली सरकार इस तरह से फाइल पर बैठ कैसे सकती है? बहरहाल अब केजरीवाल सरकार इस मामले के मंजूरी क्यों नहीं दे रही है यह तो वही बता सकती है इसलिए दिल्ली सरकार को कोर्ट ने इस मामले की देरी करने के लिए लिए स्पष्टीकरण माँगा है। साथ ही यह भी जानकारी मिली है की इस मामले में अभी तक मंत्री सत्येंद्र जैन के पास फाइल रखी है क्योंकि पुलिस को कोर्ट ने केजरीवाल सरकार की अनुमति के साथ 6 फरवरी तक चार्जशीट को पेश करने को कहा था लेकिन इसमें देरी की गयी।
दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से अनुमति लेने हेतु पुलिस को 28 फरवरी का तक का समय दिया है फिर उसी दिन इस मामले की अगली सुनवाई भी होगी। दिल्ली सरकार की अनुमति मिलने पर इस मामले में कोर्ट सीआरपीसी की धारा-196 के अनुसार संज्ञान ले सकता है और यदि समय से दिल्ली सरकार से अनुमति नहीं मिलती है तो कोर्ट देशद्रोह की धारा-124ए के विषय पर संज्ञान नहीं ले सकेगा और ऐसा होने से धारा बंद हो जाएगी। अनुमति नहीं मिलने पर कोर्ट अन्य धाराओं पर भी संज्ञान ले सकता है।
इस मामले में कोर्ट ने सख़्ती दिखाई है और पुलिस को जल्द से जल्द चार्टशीट की अनुमति लेने को कहा है। जानकारी दे दें की JNU देशद्रोह मामले में 14 जनवरी 2018 को दिल्ली पुलिस ने 1200 पन्नों की चार्जशीट पेश की थी।