भारत के एंटी सेटेलाइट मिसाइल परीक्षण पर नासा की आलोचना पर इसरो ने दिया करारा जवाब

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Prabhat Sharma
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भारत के एंटी सेटेलाइट मिसाइल परीक्षण पर नासा की आलोचना पर इसरो ने दिया करारा जवाब

भारत द्वारा किए गये सफल परीक्षण मिशन ‘शक्ति’ पर ऊँगली उठाते हुए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रमुख ने इस मिशन को भयावह करार देते हुए कहा कि इससे अंतरिक्ष में करीब 400 टुकड़ो का मलबा फ़ैल गया है। साथ ही इस मलबे से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आइएसएस) को 44 फीसदी खतरा बढ़ गया है। भारत के एंटी सेटेलाइट मिसाइल परीक्षण पर अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की आलोचना पर इसरो ने करारा जवाब देते हुए कहा कि भारतीय वैज्ञानिक ऐसा कोई भी काम नहीं करेंगे जिससे भारत को शर्मिंदगी उठानी पड़े।

इसरो चेयरमैन के सीनियर एडवाइजर तपन मिश्रा ने मंगलवार को कहा कि मिशन शक्ति के परीक्षण से हुआ बना कचरा अगले 6 महीनों के भीतर जलकर खत्म हो जाएगा। नासा ने भी इस बात को स्वीकार किया की ये टुकड़े पृथ्वी की पहुँच से काफी नीचे है और समय के साथ सभी नष्ट हो जायेंगे। तपन मिश्रा ने नासा की आलोचना के जवाब में कहा कि कई बार शादी के दिन भी आपके कुछ सबसे अच्छे दोस्त भी खाने की आलोचना करते हैं... जब हम कुछ अलग काम करते हैं तो हमें हमेशा फूलों की माला नहीं पहनाई जाती हैं। यह जीवन का हिस्सा है।

भारत ने इस परीक्षण के बाद कहा था कि यह सुनिश्चित करने के लिए निचली कक्षा में परीक्षण किया गया है ताकि सैटेलाईट का मलबा नष्ट होकर कुछ हफ्तों बाद धरती पर गिर जाए। तपन मिश्रा ने कहा कि चीन के 2007 में किए गये उपग्रह रोधी परीक्षण का मलबा अब भी अंतरिक्ष में है। चीन ने 800 किलोमीटर की ऊंचाई पर जाकर ASAT परीक्षण किया था जहां पर वायु दबाव ना के बराबर होता है। उन्होंने दावा किया, डीआरडीओ का प्रयोग कोई विस्फोट नहीं था बल्कि बुलेट की तरह था। उन्होंने कहा भारत ने यह परीक्षण 300 किमी रेंज में किया है जिससे मलबा जल्द ही नष्ट हो जाएगा।

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