ओसामा को मारने में इस्तेमाल हेलीकॉप्टर अब भारतीय वायुसेना के कुनबे में हुआ शामिल

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Prabhat Sharma
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ओसामा को मारने में इस्तेमाल हेलीकॉप्टर अब भारतीय वायुसेना के कुनबे में हुआ शामिल

अमेरिका की विमान बनाने वाली प्रसिद्ध कंपनी बोईंग ने इस रविवार को इंडियन एयरफोर्स के लिए चार नए चिनूक सैन्य हेलिकॉप्टरों दिए हैं। इन हेलिकॉप्टर्स को भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने गुजरात समुद्री किनारे पर स्थित मुंद्रा बंदरगाह पर प्राप्त किया। वैसे कंपनी की ओर से इस बाबत जारी एक बयान में ऐसा कहा गया है कि सीएच47एफ (आई) चिनूक को यहाँ से चंडीगढ़ ले जाया जाएगा, वो वहीं पर इसे आधिकारिक तौर पर इंडियन एयरफोर्स में शामिल किया जाएगा।

अगर बात चिनूक हेलीकॉप्टर की करें तो यह एक बहुउद्देशीय, वर्टिकल लिफ्ट प्लेटफॉर्म हेलिकॉप्टर है जिसका उपयोग सैनिकों, हथियारों, उपकरण और ईंधन आदि को ढोने में किया जाता है।  इसका उपयोग युद्ध के साथ आपदा राहत अभियानों में भी किया जा साकता है। सुदूर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जल्द से जल्द राहत सामग्री पहुंचाने और बड़ी संख्या में लोगों को बचाने में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

बता दें की इंडियन एयरफोर्स ने फिलहाल 15 चिनूक हेलिकॉप्टर का ऑर्डर दिया हुआ है। इस बाबत भारत द्वारा सितंबर 2015 में ही बोईंग के साथ 22 अपाचे हेलिकॉप्टर तथा 15 चिनूक हेलिकॉप्टर ख़रीदने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया गया है। इसी प्रक्रिया के तहत अभी भारतीय वायुसेना को ये चार चिनूक हेलीकॉप्टर मिले हैं।

चिनूक हेलीकॉप्टर के इंडियन एयरफोर्स में आ जाने के बाद देश की सुरक्षा प्रणाली को मज़बूती मिलेगी। चिनूक वही हेलीकॉप्टर है जिसकी मदद से अमेरिकी कमांडोज ने पाकिस्तान में बिना किसी परमिशन के घुस कर कुख्यात आतंकी ओसामा बिन लादेन का ख़ात्मा कर दिया था।

चिनूक हेलीकॉप्टर में भार उठाने की क्षमता क़रीब 9.6 टन की है इसका अर्थ हुआ की यह भारी से भरी मशीनरीज उठा कर अपने गंतव्य तक जल्दी से पहुँच सकती है। इन मशीनरीज में भारी तोप और बख़्तरबंद गाड़ियाँ लाना-ले जाना भी शामिल है।

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