पुलवामा हमले को लेकर भारत ने अपना रुख साफ़ करना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत ने कहा है की वह इस हमले के सबूत पाकिस्तान को नहीं देगा बल्कि वह सबूतों को अपने मित्र देशों को देकर पाकिस्तान की पोल खोलेगा। ताकि पाकिस्तान का असली चेहरा दुनिया के सामने आ सके।
ऐसा इस लिए किया गया है क्योंकि इससे पहले भी भारत ने मुंबई के 26/11 और पठानकोट हमलों से संबंधित सबूतों को पाकिस्तान को सौंपा था। लेकिन पाकिस्तान की तरफ से उनपर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। फिर पाकिस्तान के द्वारा सबूतों को मांगना केवल ढोंग नजर आता है।
इस बार फिर से पाकिस्तान की इमरान सरकार ने पुलवामा हमले के सबूत मांगे है और कहा है की यदि भारत इस मामले से जुड़े सबूत देता है तो वह इसपर कार्यवाही कर सकेंगे। यह बात तो सभी जानते है की पाकिस्तान आतंक के खिलाफ कितनी कार्यवाही करता है? पाकिस्तान आतंकियों को खुद के देश में मेहमान बनाकर रखता है और दुनिया के सामने सिर्फ दिखावा।
मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने रटे रटाये भाषण में कहा की यदि भारत पुलवामा मामले से जुड़े सबूत देता है तो इस्लामाबाद इसके विरुद्ध कार्यवाही करेगा इसके जबाब में भारतीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा की पाकिस्तान सरकार को जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किये गए हमले की ज़िम्मेदारी लेने के बाद और कितने सबूतों की जरुरत होगी।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत से युद्ध को लेकर डरे हुए नजर आ रहे है। लेकिन वह अपनी गीदड़ भभकी देने से बाज नहीं आ रहे है। इसी डर के चलते उन्होंने बैठक भी बुलाई है जिसमे वह मौजूदा हालात पर अपने बड़े बड़े मंत्रियो से चर्चा करने वाले है। भले ही पाकिस्तान कितनी भी कोशिश कर ले वह आतंकवाद को बढ़ावा देने से बाज नहीं आएगा। अब देखना है की पुलवामा मामले में पाकिस्तान क्या करता है?