जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आई तभी से आतंकियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के तहत सुरक्षा बलों ने अपनी सरगर्मियाँ तेज कर दी। ख़ास कर जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खात्मे का कार्य सुरक्षा बलों की तरफ से लगातार चलाया जाता रहा है। इस खात्मे के कार्य में पिछले तीन साल से ऊपर के कालखंड में सुरक्षा बलों ने कुछ 586 आतंकियों को मार गिराया है।
ये आंकड़ा गृह मंत्रालय द्वारा राज्यसभा में लिखित तौर पर दिया गया है। राज्यसभा में दिए गए लिखित रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016 में जहाँ 135 आतंकियों को मार गिराया गया, वहीं वर्ष 2017 में भारतीय जवानों ने कुल 207 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। पर इन दो वर्षो से भी ज्यादा सफलता सुरक्षा बलों को वर्ष 2018 में मिली जब सुरक्षा बलों ने कुल 244 आतंकियों को मार गिराया। वर्ष 2018 में ही जम्मू कश्मीर में भाजपा और पीडीपी गठबंधन की सरकार गिर गई थी और वहां राज्यपाल शासन लगा दिया गया था। इसके बाद सेना ने आतंकियों पर दबिश और ज्यादा बड़ा थी जिसके कारण कई आतंकी मार गिराए गए।
बता दें की इस कालखंड में पाकिस्तान की ओर से भारतीय सरहद में आतंकियों के घुसपैठ करने के वाकये भी खूब हुए जिनमे ज्यादातर बार भारतीय जवानों ने घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम कर दिया। पाकिस्तानी आतंकियों ने साल 2018 में 143 बार भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की वहीं ये संख्या वर्ष 2016 में 119 और वर्ष 2017 में 136 थी।
चार बार युद्ध में हारने और आर्थिक तथा वैश्विक मोर्चों पर हमेशा मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान आतंकी साजिशों के तार बुनता रहता है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अपने स्पेशल फोर्स के संग मिलकर एक नई एसओटी अर्थात स्पेशल ऑपरेशन टीम बनाई है जिसमे खूंखार आतंकियों को कठिन ट्रेनिंग दी जाती है।
इन सब के लिए पाकिस्तान सरहदी इलाकों में कई आतंकी लांच पैड चला रहा है। ऐसे ही लांच पैड को तबाह करने के लिए 2016 में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सरहद में घुस कर सर्जिकल स्ट्राइक किया था और कई लांच पैड तबाह कर दिए थे।