नरेंद्र मोदी को दोबारा मिले प्रचंड बहुमत की विदेशी मीडिया में खूब हो रही है वाहवाही

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Prabhat Sharma
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नरेंद्र मोदी को दोबारा मिले प्रचंड बहुमत की विदेशी मीडिया में खूब हो रही है वाहवाही

दुनिया भर की निगाहें भारत के लोकसभा चुनावों के परिणामों पर टिकी हुई थीं। इन चुनावों में भाजपा ने विपक्षी पार्टियों को करारा जवाब देते हुए बहुत शानदार जीत दर्ज की। विदेशी मीडिया ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा की जीत का अपने-अपने अंदाज़ में विश्लेषण किया है।

वाशिंगटन पोस्ट ने अपने आर्टिकल का शीर्षक दिया ‘राष्ट्रवाद की अपील के साथ भारत में मोदी ने जीता चुनाव’। इस आर्टिकल में समाचार पत्र ने लिखा कि नरेंद्र मोदी और भाजपा ने विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में जीत हासिल कर ली है। पत्र ने बताया कि भारत की जनता के मोदी की हिन्दू छवि और शक्तिशाली व्यक्तित्व को फिर से अपनी मंजूरी दे दी है। अखबार ने मोदी की इस जीत को धार्मिक राष्ट्रवाद की जीत बताया। भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि के विपरीत ये हिन्दू राष्ट्रवादी सोच की जीत मानी जा रही है। बीबीसी वर्ल्ड ने भी नरेंद्र मोदी की इस जीत को हिन्दू राष्ट्रवादी राजनीति की जीत माना है।

गल्फ न्यूज़ ने मोदी की लोकप्रियता को ‘सुनमो 2.0’ कहा। अखबार ने लिखा कि दशकों बाद बीजेपी को इस तरह की अभूतपूर्व जीत हासिल हुई है। इस अखबार के अनुसार इस साल के शुरुआत में देश के सामने बेरोजगारों और किसानों की समस्याएं थीं। उसे राफेल का मुद्दा भी परेशान कर रहा था। अख़बार ने कहा कि मोदी और अमित शाह ने पुलवामा हमले के बाद बालाकोट में एयरस्ट्राइक करके नई कहानी लिख दी। चीन के समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स के अनुसार अब मोदी सरकार के सामने रोजगार, बैंकिंग और कृषि से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने की चुनौती होगी।

एक न्यूज एजेंसी एपी ने प्रधानमंत्री मोदी को एक ऐसा साधू बताया जिसे विश्व में भारत के कद को ऊँचा करने के लिए लाया गया है। इस एजेंसी के अनुसार मोदी ने सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को ‘पर्सनैलिटी कल्ट’ में बदला है। इस खबर को पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने भी प्रमुखता दी है।

पाकिस्तान के अखबार डॉन ने यह भी लिखा कि भारत की जनता ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर मोदी को ‘अजेय जादूगर’ माना है। अखबार का मानना है कि मोदी ने विपक्ष को कुचलने के लिए बालाकोट एयरस्ट्राइक में खुद को कोरियोग्राफर की तरह स्थापित किया। अख़बार के अनुसार मोदी की यह नीति सफल रही।

ब्रिटिश अखबार ‘द गार्डियन’ ने लिखा की मोदी की इस अभूतपूर्व जीत के बाद भारत हिन्दू राष्ट्रवाद के एक नए युग में प्रवेश कर चुका है। इस अखबार ने मोदी की जीत को भारत की आत्मा के लिए बुरा कहा है। इस अखबार ने मोदी की आलोचना करते हुए लिखा है कि दुनिया को एक और ऐसा नेता नही चाहिए जो देश में रह रहे अल्पसंख्यकों को दूसरे दर्जे का नागरिक मानता हो।

अमेरिका के अखबार न्यू यॉर्क टाइम्स ने मोदी की इस जीत को देश के चौकीदार की जीत कहा। अखबार ने मोदी की आलोचना करते हुए लिखा कि चौकीदार के देश में अल्पसंख्यक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इस अखबार ने मोदी पर आरोप लगाया की उन्होंने बार-बार अपनी गरीब पृष्ठभूमि का जिक्र किया और अरबपतियों को फायदा पहुँचाया।

इन सभी विरोधाभासों के बीच मोदी की ऐतिहासिक जीत यह दर्शाती है कि वे भारतीय राजनीति के दिग्गज नेता है और उनकी जड़ें काफी मज़बूत हैं। उन्होंने हिन्दू राष्ट्रवाद के सहारे फिर से पार्टी को शानदार जीत दिलाई है। अलजजीरा ने लिखा कि नरेंद्र मोदी पहले गैर-कांग्रेसी नेता हैं तो 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा सत्ता में लौटे हैं।

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