नवरात्री के पावन पर्व पर माता को नौ दिन तक इस प्रकार करें भोग समर्पित, होगा लाभ

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Rishabh Verma
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नवरात्री के पावन पर्व पर माता को नौ दिन तक इस प्रकार करें भोग समर्पित, होगा लाभ

नवदुर्गे का आगमन हो चुका है। इन नौ दिनो में देवी को खुश करने में पूजन-अर्चना के साथ साथ उनके भोग का भी बहुत महत्व होता है। इसलिए यह जानकारी होना आवश्यक है कि नवरात्रि के दिन और उनसे संबंधित देवी मां की पसंद के अनुरूप ही भोग अर्पित करे। यदि ऐसा किया जाता है तो पूजा के फल में बहुत वृद्धि होती है।

प्रथम दिन घी का अर्पण

नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री का दिन होता है। शंकर जी की पत्नी एवं नव दुर्गाओं में प्रथम शैलपुत्री दुर्गा का महत्व और उनकी शक्तियां अनंत है। यदि इस दिन मां को घी का भोग लगाया जाय तो भक्त निरोगी रहते हैं साथ ही उनके सारे दुःख समाप्त होते है।

दूसरा दिन शक्कर का प्रसाद

नवरात्रि के दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी रूप की आराधना होती है। इस दिन लम्बी उम्र की कामना हेतू मां को शक़्कर, सफेद मिठाई और मिश्री का भोग लगाया जाता है।

तीसरा दिन मां चंद्रघंटा के लिए दूध

नवरात्रि के तीसरे दिन को दुर्गा जी के चंद्रघंटा रूप की पूजा होती है।  मां के इस रूप को दूध, मेवायुक्त खीर या फिर दूध से बनी मिठाईयों का भोग चढ़ाया जाता है। ऐसा कर के आप मां की कृपा प्राप्त कर सकते है।

चौथा दिन मालपुआ से खुश होंगी मां कुष्मांडा

नवरात्रि के चौथे दिन मां के कुष्मांडा रूप की पूजा अर्चना होती हैं। देवी की कृपा से निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती हैं।  इस दिन मालपुआ का भोग लगाना अच्छा होता हैं।

पंचमी को केले का प्रसाद

नवरात्रि के पांचवें दिन देवी के स्कंदमाता के रूप की आराधना की जाती है।  शारीरिक कष्टों के निवारण के लिए देवी माता को केले का भोग लगाएं।

छठे दिन मां कात्यानी को शहद का भोग

छठे दिन देवी के कात्यानी रूप की पूजा की जाती हैं। इस दिन देवी को प्रसन्न करने के लिए शहद और मीठे पान का भोग लगाया जा सकता है।

सातवें दिन मां कालरात्रि के लिए गुड़

नवरात्रि के सातवें दिन देवी के मां कालरात्रि स्वरुप की पूजा की जाती है। नकारात्मक शक्तियों से बचाव के लिए गुड़ का भोग लगा सकते हैं।

आठवें दिन महागौरी के लिए नारियल

हम आठवें दिन देवी महागौरी को पूजते हैं। ये अन्न-धन को देने वाली देवी हैं। मां के इस रूप को नारियल का भोग लगाया जा सकता हैं। यह भोग लगाने से संतान सुख की प्राप्ति होती हैं।

नौवें दिन अनार का भोग

नवरात्रि के आखिरी दिन माता सिद्धिदात्री के स्वरुप को पूजते हैं। कोई भी अनहोनी से बचने के लिए इस दिन मां को अनार का भोग लगाया जाता है।

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