अभी कुछ ही महीने गुज़रे हैं जब मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी किसानों के मुद्दे उठा कर सत्ता में आई थी। पर सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार के हाव भाव बदल गए हैं। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गयी है लेकिन सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने लोगो को जो चेहरा दिखाने की बात की थी वह अब सत्ता में आने के बाद बदल गया है।
करीब 3-4 महीने पुरानी मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने घोटालों का पक्ष लेना शुरू कर दिया है। मध्यप्रदेश सरकार के गृह मंत्री बाला बच्चन ने मंदसौर गोलीकांड को सही ठहराते हुए कहा की 'मंदसौर में 6 जून 2017 को मंदसौर के पिपलिया मंडी थाना अंतर्गत किसानों पर हुई गोलीबारी सुरक्षाकर्मियों द्वारा कानूनी प्रकिया के तहत आत्मरक्षा और सरकार और निजी संपत्ति की सुरक्षा के लिए की गई थी।'
बता दें की जब यह घटना हुई थी तब राज्य में बीजेपी की सरकार होने पर कांग्रेस ने इस मामले पर विरोध किया था और इस गोलीकांड में निर्दोष किसानों के ऊपर फायरिंग के खिलाफ खूब हो हल्ला किया था। जानकारी दे दें की उस समय इस मामले को लेकर कांग्रेस की बीजेपी के साथ अच्छी खासी बहस भी हुई थी। तो अब कांग्रेस सरकार के इस तरह के वर्ताव के पीछे किस तरह की मंशा है यह तो कांग्रेस सरकार ही बता सकती है।
कांग्रेस सरकार के इस यू टर्न लेने वाले वर्ताव के कारण खुद कांग्रेस सवालों के घेरे में आ गयी है। जिसके कारण कांग्रेस को इसका जबाब देना पड़ रहा है। इस मामले पर बचाव करते हुए जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा की भीड़ निर्दोष थी, अफसरों को फायरिंग की जरूरत नहीं थी। आपको बता दें कि पीसी शर्मा प्रदेश के विधि मंत्री है।
इस तरह के बयान पर बीजेपी ने कहा है की हिंसा को मंदसौर में भड़काने के लिए कांग्रेसी कार्यकर्ता जिम्मेदार थे। इसलिए आज गृह मंत्री बाला बच्चन को घुमा फिरा कर जबाब देना पड़ रहा है। मंदसौर गोलीकांड को गलत बताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बीजेपी को बुरा भला कहा था। फिर आप इस कांग्रेस सरकार का रुख कैसे बदल गया?