आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलगु देशम पार्टी (TDP) अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू के दिन आजकल ठीक नहीं चल रहे हैं। पहले चुनावों में करारी हार फिर पार्टी के कई नेताओं का भाजपा में शामिल होना और अब अमरावती स्थित आलीशान बंगले 'प्रजा वेदिका' का तोड़ा जाना एक के बाद एक झटके चंद्रबाबू को लग रहे हैं
सीएम जगन मोहन रेड्डी के आदेश पर चंद्रबाबू नायडू के अमरावती स्थित आलीशान बंगले 'प्रजा वेदिका' को तोड़ने का काम शुरू हो गया है। इसी बंगले में चंद्रबाबू रहा करते थे। सीएम के आदेशों के बाद मंगलवार से इस बंगले को तोड़े जाने का कार्य आरम्भ हुआ।
'प्रजा वेदिका' को तोड़े जाने से बचाने के लिए चंद्रबाबू नायडू ने सीएम जगनमोहन को पत्र लिखा था। अपने पत्र में नायडू ने ये मांग की थी की इस बंगले को नेता प्रतिपक्ष का सरकारी आवास घोषित कर दिया जाए। लेकिन राज्य सरकार ने नायडू की बात नहीं शनिवार को बंगले को कब्जे में ले लिया। टीडीपी ने राज्य सरकार के इस कदम को बदले की कार्रवाई बताया है।
बता दें की जब चंद्रबाबू प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब इस बंगले को बनाया गया था। यह बँगला आवास के तौर पर जाना जाता था। इसे बनाने में 5 करोड़ रूपये की लागत आई थी। इस बंगले से ही चंद्रबाबू अपने आधिकारिक कार्यों का निपटान करते थे साथ ही साथ पार्टी की बैठकों का भी आयोजन यहाँ किया जाता था।
बंगले को तोड़े जाने से पहले मंगलवार को सीएम जगन मोहन रेड्डी ने चंद्रबाबू के परिवार की सेक्योरिटी भी कम कर दी थी। राज्य सरकार ने चंद्रबाबू के बेटे तथा पूर्व राज्य मंत्री नारा लोकेश से जेड श्रेणी की सेक्योरिटी छीन ली है। इसके साथ साथ उनके परिवार अन्य कम कर दी गई है।