राहुल के लिए अमेठी अब सुरक्षित नही, भाजपा बिछा रही है कांग्रेस अध्यक्ष के हार की बिसात

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Prabhat Sharma
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राहुल के लिए अमेठी अब सुरक्षित नही, भाजपा बिछा रही है कांग्रेस अध्यक्ष के हार की बिसात

अमेठी को राहुल गांधी के लिए हमेशा से सुरक्षित लोकसभा सीट के रूप में देखा गया। राहुल गांधी ने 2004 से लगातार यहाँ से भारी मतों से जीत दर्ज की है। 2004 के चुनावों में जहाँ 66.2% वोट मिले वहीं 2009 के चुनावों में उन्हें 71.8% मतों से विजय प्राप्त हुई थी। हालांकि पिछले लोकसभा चुनावों में उनकी जीत के अंतर में बड़ी गिरावट आई है और यही उनकी चिंता का विषय बन गई है।

पिछले चुनावों यानि 2014 में भाजपा ने राहुल गांधी को अमेठी से टक्कर देने के लिए स्मृति ईरानी को मैदान में उतारा था। पिछले आम चुनाव में मोदी लहर के परिणामस्वरूप भाजपा को एकतरफ़ा जीत मिली थी। अमेठी सीट से स्मृति ईरानी ने भी राहुल गांधी को कड़ी टक्कर दी थी। राहुल गांधी की जीत के बावजूद उनके जीत का अंतर उनके लिए चिंता का विषय बन गया था। इन चुनावों में राहुल गांधी और स्मृति ईरानी के बीच वोटों का अंतर महज 1 लाख था जो कि पहले के मतों के अंतर के मुकाबले काफी कम था।

इन सब के मद्देनज़र राहुल गांधी सतर्क हो गए हैं। उन्हें अपने ही गढ़ में भाजपा से कड़ी चुनौती मिलने का डर सता रहा है। शायद यही वजह है कि वे केरल के वायनाड लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं। उन्हें यह सीट ज़्यादा सुरक्षित नज़र आ रही है। वायनाड से भी चुनाव लड़ने के राहुल गांधी के फैसले को विरोधी नेता उनकी कमज़ोरी बता रहे हैं। भाजपा के केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के अनुसार राहुल अमेठी में खुद को कमज़ोर और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

अमेठी हमेशा से कांग्रेस का अभेद्य किला रहा है। अब तक यहाँ 16 लोकसभा चुनाव और 2 उपचुनाव हो चुके हैं। जिसमें लगभग हर बार कांग्रेस को ही जीत प्राप्त हुई है। यहाँ से 1977 में जनता पार्टी और 1998 में भाजपा ने भी जीत दर्ज की थी। 2014 के चुनावों में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को कड़ी टक्कर देकर ये साबित कर दिया है कि यहाँ पर राहुल गांधी को हराना असंभव नही है। यहाँ पर स्मृति ईरानी राहुल गांधी के जीत के अंतर को कम करने में काफी हद तक कामयाब हुई हैं। लेकिन ये उन्होंने अपने दम पर किया है या इस पर मोदी का प्रभाव है अभी कहना मुश्किल है। यदि 2019 में स्मृति कोई कमाल कर पाती हैं तो ये उनकी बड़ी उपलब्धि मानी जायेगी।

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