अजित डोभाल मानहानि केस में कारवाँ पत्रिका के संपादक/रिपोर्टर को जमानत, जयराम रमेश की होगी पेशी

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Prabhat Sharma
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अजित डोभाल मानहानि केस में कारवाँ पत्रिका के संपादक/रिपोर्टर को जमानत, जयराम रमेश की होगी पेशी

कारवां पत्रिका के संपादक और रिपोर्टर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के परिवार को अपने एक आर्टिकल में ‘डी कंपनी’ बताने के मामले में फंसते दिखाई दे रहे हैं। उनके ऊपर अजित डोभाल के परिवार की छवि को ख़राब करने के लिए मानहानि की केस दर्ज किया गया था। फिलहाल पत्रिका के संपादक और रिपोर्टर को जमानत दी गई थी, लेकिन कांग्रेस नेता की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

ग़ौरतलब है कि 16 जनवरी को कारवां ने ‘द डी कंपनीज’ के टाइटल के साथ ऑनलाइन लेख छापा था। इस लेख में अजित डोभाल और उनकी परिवार पर आरोप लगाया गया था कि वे केमन आइसलैंड में हेज फंड चलाते हैं। पत्रिका ने दावा किया था कि नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा के महज 13 दिनों के भीतर इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराया गया था। इस लेख में अजित के बड़े भाई शौर्य डोभाल के नाम का भी ज़िक्र किया गया था।

इस लेख को आधार बनाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले कांग्रेस के नेता जयराम रमेश पर भी मुसीबतें बढ़ती दिख रही है। कोर्ट ने पेशी में छूट की उनकी अपील को ख़ारिज कर दिया है। पत्रिका में अजित डोभाल के खिलाफ जो गंभीर आरोप लगाए गए थे उनको जयराम रमेश ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोहराया था।

अजित डोभाल के बेटे विवेक डोभाल ने तीनों के खिलाफ मानहानि का केस पटियाला हाउस कोर्ट में दर्ज करवाया था। उनका बयान भी 30 जनवरी को कोर्ट में दर्ज कराया गया है। 20000 रूपये के निजी मुचलके पर कारवां के पत्रकार और संपादक को जमानत मिल गई थी। इस मामले में जयराम रमेश को पेशी में छूट नही मिली। अब उन्हें 9 मई को होने वाली अगली सुनवाई में कोर्ट में पेश होना होगा।

अजित डोभाल के बेटे विवेक डोभाल के अलावा उनके साझेदार निखिल कपूर और अमित शर्मा के बयान भी कोर्ट में दर्ज किये गए हैं। विवेक के बयान के अनुसार यह उनके पिता को बदनाम करने और राजनीतिक दुश्मनी निकालने की कोशिश है। विवेक ने कांग्रेस नेता को मीडिया के सामने इस मुद्दे पर बहस करने के लिए भी चुनौती दी है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं को आरोप लगाकर भाग जाने वाले बताया।

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