प्यार में अमीरी-गरीबी, जात-पात कुछ मायने नहीं रखता। लेकिन अब एक ऐसा किस्सा सामने आया है जिसमे प्यार में लिंग को भी महत्त्व नहीं दिया गया है। सोमवार को कोलकाता में एक ऐसी शादी हुई जिसने सभी को हैरान कर दिया। उत्तर 24 परगना जिले के आगरपाड़ा के महाजाति इलाके में तिस्ता दास और दीपन चक्रवर्ती का बंगाली रस्मों रिवाज के साथ विवाह हुआ।
बता दें कि पहले तिस्ता सुशांत था और दीपन दीपनिता। 15 साल पहले सुशांत ने सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी (एसआरएस) कराई थी और वह तिस्ता बन गई थी। इतना ही नहीं इस साल फरवरी में असम के रहने वाली दीपनिता ने भी अपना लिंग परिवर्तन कराया और वह दीपन बन गया। अप्रैल में उन्होंने शादी करने का फैसला लिया। यहाँ दीपन के परिवारवालों ने उसकी इस नई पहचान को स्वीकार नहीं किया, जिस कारण वह शादी में शरीक नहीं हुए। लेकिन तिस्ता के घरवाले खुश है। तिस्ता की मां शुभ्रा ने कहा कि बच्चों की ख़ुशियों को माता-पिता को स्वीकार करना चाहिए।
तिस्ता ने कहा-ट्रांसजेंडर के भी कुछ अधिकार होते शादी के बाद तिस्ता ने कहा-'मेरी शादी उन लोगों को करारा जवाब है, जो यह सोचते हैं कि जन्म से जो जिस लिंग का होता है, उसे विपरीत लिंग वाले से ही शादी करनी चाहिए। उन लोगों को समझना चाहिए कि ट्रांसजेंडर के भी कुछ अधिकार होते हैं।
इन दोनों की शादी कराने वाले पंडित विश्वजीत मुखर्जी ने कहा-'मेरे लिए यह आयोजन अलग था। ऐसी स्थिति से मुझे पहली बार दो-चार होना पड़ा है। यह एक ऐतिहासिक पल था। दोनों की शादी कराकर मैं बहुत प्रसन्न हूँ।'