गोवा के मुख्यमंत्री और बीजेपी के नेता मनोहर पर्रिकर का देहांत 17 मार्च को हो गया। बता दे की वे 63 साल के थे और रविवार को शाम 6:40 पर उन्होंने अंतिम साँस ली। वह पिछले एक साल से पैनक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे थे और उनका इलाज चल रहा था।बता दे वे 9 नवंबर 2014 से 13 मार्च 2017 तक वह देश के रक्षामंत्री भी रहे।इसी दौरान 29 सितंबर 2016 भी आया जब भारतीय सेना के जांबाज जवानों ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसकर आतंकियों के ट्रेनिंग कैंपों पर हमला किया था।इस सर्जिकल स्ट्राइक के पीछे तत्कालीन रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर को पूछा गया एक अपमानजनक प्रश्न भी जिम्मेदार था।
इसकी शुरुआत मणिपुर में 4 जून 2015 को हुई घटना के साथ हुई।जिसमे हमारे भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हो गए थे।उस वक़्त पर्रिकर ने मीडिया से बात करते हुए बताया की हमने -’8 जून को म्यांमार सीमा पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया और 70-80 उग्रवादियों को मार गिराया। हालाँकि यह बदला सर्जिकल स्ट्राइक नहीं थी। भारत की इस करवाई के बाद टीवी रिपोर्टर भी तरह तरह के सवाल कर रहे थे। उसी दौरान एक टीवी रिपोर्टर ने केंद्रीय मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ से सवाल पूछा की क्या आपके अंदर पश्चिमी सीमा (पाकिस्तान बॉर्डर) पर भी ऐसा ही करने की हिम्मत और क्षमता है?
बाद में मनोहर पर्रिकर ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया की-’ इस प्रश्न ने मुझे काफी चोट पहुँचाई।आने वाले समय में इसका जवाब जरूर दूंगा। उन्होंने कहा - म्यांमार में लिए बदले के बाद हमने सर्जिकल स्ट्राइक की प्लानिंग की थी। हमने इसकी तैयारी 15 महीने पहले ही शुरू कर दी थी। इसके लिए अतिरिक्त बलों को ट्रेनिंग दी गई। प्राथमिकता के आधार पर हथियार लिए गए।15 महीने की तैयारी के बाद वो दिन आ गया था। 29 सितंबर 2016 को भारतीय सेना के जवान एलओसी पार करके कश्मीर में घुसे और मौजूद आतंकवादियों को मार गिराया।
सर्जिकल स्ट्राइक मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में की गई थी। यह पुरे ऑपरेशन के समय पूरी रात जागे थे और उन्होंने पल पल की खबर ली थी।मनोहर पर्रिकर के रक्षा मंत्री रहते हुए भारतीय सेना ने दो बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया।पहला म्यांमार बदला और दूसरा सर्जिकल स्ट्राइक 1. इनका राजनैतिक जीवन बेदाग रहा।वे चार बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे थे।