पिछले महीने मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ है। वहाँ 15 सालो से भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी। मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के ठीक एक महीने बाद ही मध्यप्रदेश में एक के बाद एक भाजपा नेताओं की हत्या का सिलसिला शुरू हो गया। इन हत्याओं की शुरुआत मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के तेल कारोबारी से शुरू हो कर ग्वालियर ग्रामीण के भाजपा कार्यकर्ता छतरपाल सिंह रावत तक पहुंच चुकी है। अब देखना ये है कि ये राजनैतिक हत्याओं का दौर कहा तक जाता है।

मध्यप्रदेश में हुई इन राजनैतिक हत्याओं के बारे में विस्तार में पढ़ते हैं।
- इंदौर के तेल व्यापारी व भाजपा नेता संदीप अग्रवाल की 16 जनवरी 2019 को उन्ही के विजय नगर स्थित दफ्तर के नीचे गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। संदीप अपना व्यापर भाजपा नेताओं के संरक्षण में किया करते थे।
- मंदसौर से दो बार नगर पालिका अध्यक्ष के पद पर रहे, भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रहलाद बंधवार की 17 जनवरी 2019 को बीच बाजार गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।
- 20 जनवरी 2019 को गुना के भारतीय जनता पार्टी के पालक संयोजक के रिश्तेदार व भाजपा कार्यकर्ता परमाल कुशवाह की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी।
- कांग्रेस के गृहमंत्री के गृह जिले में 20 जनवरी 2019 को भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष मनोज ठाकरे की पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी गई थी।
- ग्वालियर के पार्वती नदी के पूल पर कल शाम भारतीय जनता पार्टी के जिला मंत्री नरेंद्र रावत के भाई छतरपाल सिंह रावत की चाकुओ से गोद कर हत्या कर दी गयी थी।
इन सब हत्याओं पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्विटर हेंडल से मध्यप्रदेश में हो रही राजनैतिक हत्याओं पर ट्वीट करके खेद जताया है।
एक के बाद एक भाजपा नेताओं की हत्या होना बहुत गंभीर मामला है। कांग्रेस इसको सतही तौर पर लेकर क्रूर मजाक कर रही है। गृह मंत्री के गृह जिले में सरेआम भारतीय जनता पार्टी के लोकप्रिय मंडल अध्यक्ष मनोज ठाकरे को को मार दिया गया।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 20, 2019