MP की निकिता ने विदेश की नौकरी छोड़ किया अपने पिता का सपना पूरा, बनी डिप्टी कलेक्टर

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Rishabh Verma
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MP की निकिता ने विदेश की नौकरी छोड़ किया अपने पिता का सपना पूरा, बनी डिप्टी कलेक्टर

UPSC या फिर अलग अलग राज्यों के PSC परीक्षाओं का स्तर काफी कठिन होता हैं। इन्हीं परीक्षाओं पर बात करें एमपी पीएससी एग्जाम की तो यह भी एक कठिन परीक्षा मानी जाती है और इसे क्रैक करना हर किसी के बस की बात नहीं होती है। इस एग्जाम को पास करने के लिए काफी मेहनत से पढ़ाई करनी पड़ती है। इस एग्जाम को क्रैक करने में कई बार 2-3 भी साल लग जाते है। इस एग्जाम को एक बार में निकालना किसी सपने से कम नहीं है। पर इस सपने को सफल बनाने का कठिन कार्य कर दिखाया है खरगोन, मध्यप्रदेश में रहने वाली निकिता मंडलोई ने।

बता दे की हाल ही में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने राज्य प्रशासनिक सेवा वर्ष 2018 में चुने गए अधिकारियों की आखिरी सूची जारी कर दी है। इस फाइनल सूची में कुल 286 नाम जारी किए गए हैं। इस सूची में इंदौर में रहकर परीक्षा की तैयारी करने वाली खरगोन की निकिता मंडलोई ने महज 21 वर्ष की आयु में अपने पहले ही प्रयास में ही सफलता हासिल कर ली है। निकिता मंडलोई ने एसटी कैटेगरी के छात्रों टॉप किया है और अब वे डिप्टी कलेक्टर के लिए चुनी गई हैं।

निकिता ने पूरे प्रदेश में ओवरऑल 23वां रैंक हासिल किया है । आपको बता दे निकिता के पापा का सपना था की उनकी बेटी कलेक्टर बने। सात साल पहले निकिता के पापा का देहांत हो गया है।सर से पिता का साया उठने के बाद भी निकिता ने हिम्मत नहीं हारी और अपने पापा का सपना पूरा किया। अपनी बेटी की सफलता देख निकिता का परिवार भी बहुत खुश है।

निकिता ने कहा, उसने इंदौर के जीएसआईटीएस कॉलेज से बायो मैकेनिकल इंजीनियरिंग की। कॉलेज कैंपस में उसका चयन हुआ था। लेकिन निकिता ने लाखों का पैकेज छोड़ दिया और PSC की तैयारी में जुट गई। निकिता ने बताया की उसका चयन विदेश की नामी कंपनी में भी हुआ था। निकिता ने ढाई साल मेहनत की और पहले प्रयास में एग्जाम पास कर लिया ।

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