अक्सर सेक्यूलर भारत में ये देखा जाता रहा है कि मजहबी ठेकेदार फतवों के आधार पर न केवल समाज बल्कि देश को चलाने का प्रयास करते आये हैं। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इन फतवों की प्रसंशा देश के ज्यादातर राजनैतिक दल करते नजर आते थे।
दुनिया जिस भारत को एक लोकताँत्रिक देश के रूप में जानती है, उस देश की राजनीति फतवाधारी मौलाना तय करते थे। अब समय बदल चुका है। सेक्यूलर भारत के लिए शुभ संकेत है कि पहली बार ऐसा हुआ है कि देश के किसी राज्य के एक मुख्यमंत्री ने फतवों के विरुद्ध बोलने का सहास किया है।
फतवों के विरुद्ध ये बयान दिया है उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने। उन्होंने कहा कि अब देश में फतवों की राजनीति नहीं चलेगी। भाजपा ने राजनीति का मौलानाकरण ख़त्म किया है। अब देश संविधान द्वारा चलेगा ना कि फतवों से।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार शाम को लखनऊ कैंट विधानसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार सुरेश तिवारी के समर्थन में इको गार्डन के पास आयोजित चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे जहाँ मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने तीन तलाक जैसी कुप्रथा को हमेशा के लिए प्रतिबंधित कर देश में राजनीति के मौलानाकरण को पूरी तरह ख़त्म कर दिया है।