हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव जिसे हम श्री कृष्ण जन्माष्टमी (Shri Krishna Janmashtami) के नाम से भी जानते है। यह त्यौहार भाद्रपद माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को आता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से अनेकों प्रकार के लाभ मिलते है। जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से संतान, आयु तथा समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से आपकी सभी मनोकामना भी पूर्ण होती है।

जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त

इस वर्ष जन्माष्टमी का पर्व 23 अगस्त को मनाया जाएगा। जन्माष्टमी 23 अगस्‍त को सुबह 08 बजकर 09 मिनट से प्रारम्भ होगी और 24 अगस्‍त सुबह 08 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी को रोहणी नक्षत्र में हुआ था। जब भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था तब रोहणी नक्षत्र रात को था और इस बार भी रोहणी नक्षत्र रात में 03 बजकर 48 मिनट से शुरू होगा।

इस कृष्ण जन्माष्टमी में इस तरह पूजन करे

जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नानादि नित्यकर्मों से निवृत्त होकर पूर्व या उत्तर की और मुख करके सभी देवी देवताओं को पूजन कर व्रत का संकल्प लेवे। संकल्प करते समय इस मन्त्र का उच्चारण करे

"ममखिलपापप्रशमनपूर्वक सर्वाभीष्ट सिद्धये श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रतमहं करिष्ये॥"

इस मन्त्र के उच्चारण से भगवान श्री कृष्ण को पालने में विराजमान करके उन्हें सुलाना चाहिए।

""विश्राय विश्रेक्षाय विश्रपले विश्र सम्भावाय गोविंदाय नमों नम:""

शाम को भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति या चित्र को मंदिर में विराजित करके संपूर्ण विधि विधान से पूजा करना चाहिए। पूजा करने के बाद अपनी स्वेच्छा अनुसार दान पुण्य भी करना चाहिए।