पिछले दिनों काशी विश्वनाथ मंदिर अचानक से तब सुर्ख़ियों में आ गया जब यह खबर आई की इस मंदिर में स्पर्श दर्शन के समय ड्रेस कोड लगाया जाने वाला है। पर अब खबर आई है की मंदिर में ड्रेस कोड लागू करने के अपने फैसले से प्रशासन पीछे हट गया है।
इस मसले पर कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने एक वीडियो मैसेज जारी करके पूरी बात साफ़ की और ऐसे किसी भी लिए गए निर्णय से इनकार किया है। ग़ौरतलब है की इससे पहले सोमवार सुबह काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ने साफ तौर पर यह बताया था कि मंदिर में ड्रेस कोड लाने का निर्णय लिया जा चुका है।
इसके अंतर्गत मंदिर में बाबा के दर्शन करने के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं था परन्तु अगर भक्तों को बाबा काशी विश्वनाथ को स्पर्श करना है तो पुरुषों को धोती कुर्ता एवं महिलाओं को साड़ी पहनने की बात कही गई थी। इसे लागू करने की तारीख नहीं निश्चित की गई थी परन्तु कहा जा रहा था की यह इस वर्ष आने वाली शिवरात्रि से लागू हो सकता था।
यह निर्णय रविवार को हुई धर्माथ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी की अध्यक्षता में काशी विद्वत परिषद की बैठक में लिया गया था। बहरहाल अब काशी विश्वनाथ मंदिर में ड्रेस कोड लागू होने की रिपोर्ट का उत्तर प्रदेश के पर्यटन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार नीलकंठ तिवारी ने खंडन कर दिया है। इस बात का खंडन करते हुए नीलकंठ तिवारी ने कहा कि "किसी तरह की ड्रेस कोड की व्यवस्था न लागू हुई है और न ही आगे के लिए इस तरह का निर्णय हुआ है।