अपने देश में पल रहे आतंकवाद के कारण पाकिस्तान पूरे विश्व में बदनाम है। उनकी ये आपराधिक प्रवृत्ति के कारण विश्व के सभी देशों में उन्हें एक गुनहगार की नजरों से देखा जाता है। इन्ही कारणों से विदेशों में प्रवास कर रहे पाकिस्तानी नागरिकों को देश से निकाल भी दिया जाता है। ऐसा ही कुछ हुआ है सऊदी अरब में जहाँ सऊदी प्रशासन ने अपने देश में काम कर रहे करीब 40 हजार पाकिस्तानी नागरिकों को निकाल दिया है।
ग़ौरतलब है कि सऊदी अरब में ड्रग ट्रैफिकिंग, जालसाज़ी, चोरी, आतंकी गतिविधि, मारपीट जैसे क्राइम में पाकिस्तानी नागरिकों की संलिप्तता ज्यादा पाई जा रही थी जिसके कारण सऊदी अरब के प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। सऊदी अरब की मीडिया के अनुसार आंतरिक मामलों के मंत्रालय के एक आला अधिकारी ने बताया है कि इन पाकिस्तानी लोगों को सुरक्षा कारणों से देश के बाहर निकाला गया है। सऊदी अरब की यह कार्यवाही दर्शाती है कि मुस्लिम देशों में भी पाकिस्तान की स्थिति बहुत बुरी है।
इस कार्यवाही से पहले सऊदी अरब के प्रशासन ने पाकिस्तान के डॉक्टरों को फर्जी घोषित करके सऊदी छोड़ने का आदेश दिया था। सऊदी के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पाकिस्तान की मास्टर ऑफ़ सर्जरी एवं मास्टर ऑफ़ मेडिसीन की डिग्री की मान्यता भी रद्द कर दी है।
अगर हम सऊदी अरब के आकड़ों की माने तो सऊदी अरब के प्रशासन ने वर्ष 2012 से 2015 के मध्य करीब 2,43,000 पाकिस्तानी मज़दूरों को देश से निकाला था। अब सऊदी प्रशासन ने क्राइम ग्राफ में पाकिस्तानी नागरिकों की संख्या में बढ़ रही है जिसके कारण यह निर्णय लेना पड़ा है।