अमेरिका और ईरान के बीच हाल ही में हुए बहुराष्ट्रीय परमाणु समझौते के निरस्त होने के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। इसी तनाव को ध्यान में रखते हुए अमेरिका ने अपनी पश्चिम एशिया की सीमा पर 1000 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की अनुमिति दी है और साथ ही यह भी कहा कि अगर परमाणु समझौते के तहत विश्व ने अपनी सारी प्रतिबद्धता पूरी नहीं की तो वो 10 दिनों के अंदर अपनी यूरेनियम भंडार की क्षमता बढ़ा देगा। वही दूसरी और अमेरिका के पश्चिमी एशिया की सीमा पर 1000 अमेरिकी सैनिकों की तैनाती पर चीन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि इसके बेहद गंभीर परिणाम होंगे।
अमेरिका के रक्षा मंत्री पैट्रिक शनहान ने अपने बयान में बताया सैनिकों को ‘पश्चिम एशिया में हवाई, नौसैनिक, और ज़मीनी खतरों से निपटने के लिए भेजा जा रहा है।’ शनाहान ने आगे कहा की, 'हालिया ईरानी हमलों ने ईरानी सुरक्षा बलों और उसके इशारों पर काम कर रहे समूहों के शत्रुतापूर्ण व्यवहार पर प्राप्त खुफिया जानकारी की पुष्टि की है, जो पूरे क्षेत्र में अमेरिकी कर्मियों और उनके हितों के लिये खतरा हैं।'
इसके साथ उन्होंने यह भी बताया की अमेरिका ईरान के साथ कोई टकराव नहीं चाहता है।' तैनाती का लक्ष्य पूरे क्षेत्र में काम करने वाले हमारे सैन्य कर्मियों की सुरक्षा एवं कल्याण को सुनिश्चित करना है साथ ही हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना भी है।’
पश्चिमी एशिया की सीमा पर अमेरिका के 1000 अतिरिक्त सैनिकों को तैनात करने पर चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि अमेरिका द्वारा ऐसा करने पर इसके परिणाम गंभीर होंगे, साथ ही परमाणु समझौते से पीछे नहीं हटने की अपील की है।