पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा आक्रामक वैश्विक कूटनीति की वजह से पाकिस्तान पर चौतरफा दबाव पड़ा जिसकी वजह से पाकिस्तान आजकल भयंकर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इस संकट में कोई भी देश पाकिस्तान की मदद नहीं कर रहा है। यहाँ तक की पाकिस्तान के पुराने मददगार अमेरिका ने भी पाकिस्तान को मदद देने से इंकार करते हुए झटका दे दिया है। हालिया खबर के अनुसार अमेरिका ने केरी लूगर बर्मन एक्ट के अंतर्गत पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद में भारी कटौती की है।
नौ वर्ष पहले अमेरिका ने केरी लूगर बर्मन ऐक्ट के अंतर्गत पाकिस्तान को पहुँचाई जाने वाली प्रस्तावित आर्थिक मदद में अब 44 करोड़ डॉलर की कटौती कर दी है। इस कटौती के बाद अब पाकिस्तान को सिर्फ 4.1 अरब डॉलर की धनराशि दी जाएगी।
अमेरिकी वित्त मंत्रालय के हवाले से पाकिस्तान के अखबार में छपे एक लेख के अनुसार इस आर्थिक कटैती के फैसले की सूचना पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान की 3 हफ्ते पहले ही दे दी गई थी।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को इस कटौती से बहुत ज्यादा नुक्सान होगा। इससे पहले हालिया समय में पाकिस्तान का सबसे अच्छा मित्र कहलाने वाला चीन भी पाकिस्तान में हो रहे अपने निवेश में कटौती कर रहा है। पिछले साल की अपेक्षा चीन ने अपनी निवेश पाकिस्तान में आधी कर दिया है।
आर्थिक मामलों में ही नहीं बल्कि कश्मीर जैसे मुद्दे पर भी पाकिस्तान का साथ कोई भी बड़ा देश देने को तैयार नजर नहीं आ रहा हैं। अमेरिका ने इस मामले पर पाकिस्तान को ही अपने देश से आतंकी कैम्प को खत्म करने नसीहत दे दी है तो रूस ने भारतीय कश्मीर से धारा 370 हटाने को भारत का आंतरिक मामला बता दिया है।