बुधवार को सऊदी अरब और यूएई के विदेश मंत्रियों ने पाकिस्तान का एकदिवसीय दौरा किया। इस दौरे के दौरान कश्मीर को लेकर इस्लामाबाद ने उम्मीदें बांध ली थी परन्तु उनकी उमीदे धाराशायी हो गयी। बुधवार को सऊदी के उप विदेश मंत्री अदेल बिन अहमद अल-जुबैर और यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला इस्लामाबाद पहुंचे थे। पाक इस दौरे को अपनी कूटनीतिक जीत बताने में लगा था। पर कश्मीर पर अपना रुख यूएई ने पाक को स्पष्ट कर दिया।  

यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायेद बिन सुल्तान अल नहयान ने पाकिस्तान को कहा कि कश्मीर भारत-पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा है। उन्होंने जोर देते हुए यह कहा कि इसमें मुस्लिम दुनिया या मुस्लिमों को ना घसीटा जाए। वहीं यूएई के विदेश मंत्री ने कहा कि कश्मीर का विवाद भारत और पाकिस्तान को बातचीत से सुलझाना चाहिए।

इस दौरे के दौरान पाकिस्तान ने दोनों देशों के समक्ष कश्मीर पर कथित तौर पर मानवाधिकार उल्लंघन का राग अलापा परन्तु सऊदी-यूएई पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। इस दौरे के पश्चात पाकिस्तान ने सदैव की भांति झूठे दावे किए और यह खबर फैला दिया कि उसे कश्मीर पर भारत के खिलाफ सऊदी और यूएई दोनों का समर्थन मिल गया है।

कश्मीर को लेकर पाकिस्तान को मुस्लिम देशों सहित किसी भी देश से समर्थन नहीं मिला है और उसकी कूटनीति बुरी तरह असफल रही है। बता दे कि 5 अगस्त को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला किया। इसके बाद से ही पाकिस्तान दुनिया भर में प्रोपैगैंडा फैलाने का प्रयास कर रहा है कि कश्मीर में मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा है। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कहा था कि यदि कश्मीर को लेकर दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देशों के मध्य युद्ध होता है तो उसकी ज़िम्मेदारी दुनिया की होगी।