एक समय था जब दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट पर बमुश्किल एक - दो लोग ही चढाई करने में सफल हो पाते थे पर आज की स्थिति यह है की अब सड़को के साथ पर्वतों पर भी 'ट्रैफिक जाम' की स्थिति बनने लगी है। पर्वतारोहियों की संख्या में इजाफा इस कदर नजर आ रहा है कि माउंट एवरेस्ट के रास्ते पर पर्वतारोहियों को लंबी-लंबी लाइन लगानी पड़ रही है। अब माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले लोगों की संख्या काफी बढ़ गई है। बुधवार को कुछ इस ही तरह का नजारा माउंट एवरेस्ट की चोटियों पर देखने को मिला।

पर्वतारोही बुधवार तड़के कैम्प 4 पहुंचे और उन्होंने 8,848 मीटर ऊंची चोटी पर जाने के अपने रास्ते में दो घंटे से अधिक समय तक इंतजार करने की शिकायत की। सरकार ने इस साल गर्मियों के मौसम में 381 पर्वतारोहण परमिट पर्वतारोहियों को जारी किया, जिनका प्रतिनिधित्व 44 टीमें कर रही हैं। परमिट के लिए 7.6 लाख रुपये चार्ज किए जाते हैं।

एक अनुमान के अनुसार इनकी संख्या 200 से अधिक रही। वहीं उन्होंने बताया कि मौसम खराब होने के चलते कई पर्वतारोही जो रास्ते में रुके हुए थे वे बुधवार को चोटी तक पहुंच गए हैं लेकिन अभी उनकी संख्या का पता नहीं चल सका है। वहीं उन्होंने बताया कि चोटी को फतह करने के बाद कई पर्वतारोही वापस भी पहुंचे हैं।

घंटों तक लाइन में लगने के कारण पर्वतारोहियों की सेहत खराब हो रही है। खबरों के मुताबिक, एवरेस्ट पर भीड़ होने और खराब मौसम की वजह से तीन पर्वतारोहियों की मौत भी हो गई। उनमें से दो भारतीय और एक ऑस्ट्रेलियाई है। बुधवार को जो दो मौत हुईं उनमें एक भारतीय और एक अमेरिकी है। जिन दो भारतीयों की गुरुवार को मौत हुई है, उनमें से कल्पना दास (52) और निहाल बागवान (27) है ।