जम्मू-कश्मीर पर भारत के फैसले पर पहले अमेरिका ने किसी प्रकार का विरोध नहीं जताया है और अब भारत के इस फैसले पर रूस ने भी समर्थन किया है। रूस के विदेश मंत्रालय ने इस मसले पर कहा कि जम्मू और कश्मीर को दो भागों में विभाजित करने और केंद्र शासित प्रदेश बनाने का निर्णय भारत ने संविधान के अनुसार ही लिया है।
रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हमें आशा है कि भारत-पाकिस्तान के मतभेदों को द्विपक्षीय आधार पर राजनीतिक और राजनयिक तरीकों द्वारा हल किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर में किए गए परिवर्तन के बाद भारत और पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में किसी प्रकार के तनाव को बढ़ावा नहीं देंगे।’
चीन ने भी इस फैसले के बाद भारत और पाकिस्तान से अपने विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत करने का निवेदन किया है। चीन की यह प्रतिक्रिया शुक्रवार को चीन से परामर्श के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के पहुंचने के बाद आई है।
भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी, चीन से अगला कदम लेने हेतू राय लेने पहुंचे है। जिसके बाद चीन विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम भारत और पाकिस्तान से बातचीत से विवाद को सुलझाने व संयुक्त रूप से शांति एवं स्थिरता को कायम रखने का आह्वान करते हैं।
शुक्रवार को भारत ने कहा कि पाकिस्तान को अब भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप ना करते हुए जम्मू एवं कश्मीर के सच को स्वीकार कर लेना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के इस फैसले के बाद पाकिस्तान को डर है कि वह अब वहां कश्मीरी लोगों को आतंक के रास्ते पर नहीं ले जा पायेगा।