पीएम मोदी के नाम का डंका चारो तरफ बज रहा है। इसी की एक झलक अमेरिका में भी देखने को मिली। शुक्रवार रात को पीएम मोदी एक हफ्ते के अमेरिका दौरे के लिए रवाना हो गए हैं। अमेरिका पहुंचने के बाद पीएम मोदी का पहला कार्यक्रम टेक्सस के ह्यूस्टन में होगा। जहाँ वह 50 हजार से ज्यादा भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करने वाले है। इस समय ह्यूस्टन में माहौल पूरी तरह से ‘मोदीमय’ हो गया है। सड़कों पर ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम के पोस्टर लगे हुए हैं साथ ही इस कार्यक्रम के बारे में लोगों को बताने के लिए रैलियाँ भी निकाली जा रही हैं।
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ह्यूस्टन पहुँचेंगे, जहां वह कई उद्योगपतियों से मुलाकात करेंगे। हाउडी मोदी की तैयारियाँ ह्यूस्टन में जोरों से हो रही हैं। कार्यक्रम के प्रचार के लिए सड़कों पर पोस्टर लगाए गए है। इन पोस्टरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया गया है।
USA: Hoardings put up near the NRG Stadium in Houston, ahead of Prime Minister Narendra Modi's arrival. On September 22, PM Modi will deliver his address at 'Howdy Modi', an Indian community event. pic.twitter.com/4PM55hUOTh
— ANI (@ANI) September 21, 2019
इसके अतिरिक्त ह्यूस्टन में शुक्रवार को भी एक कार रैली निकाली गई, जिसके द्वारा इस कार्यक्रम की जानकारी दी गई। भारत-अमेरिका के झंडों के साथ यहां गाड़ियों पर लोग निकले साथ ही कार्यक्रम का प्रचार भी किया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कार्यक्रम में भी शामिल होने वाले है और ऐसा पहली बार होगा कि एक बड़े कार्यक्रम का दोनों देश के नेता बनेंगे। डोनाल्ड ट्रंप इस कार्यक्रम में भारत के लिए कुछ बड़ी घोषणा भी कर सकते है। डोनाल्ड ट्रंप के अतिरिक्त इस कार्यक्रम में अमेरिका के कई सांसद, रिपब्लिकन-डेमोक्रेट्स के कई नेता भी मौजूद रहेंगे।
ह्यूस्टन में होने वाले इस कार्यक्रम में 50 हजार से अधिक भारतीय समुदाय के लोग शामिल होंगे. प्रधानमंत्री के संबोधन से पहले यहां कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होने हैं, जिसमें 200 से अधिक कलाकार शामिल होने वाले हैं।
बता दें कि नरेंद्र मोदी का ये अमेरिकी दौरा एक हफ्ते का है, जिसमें उन्हें कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेना है। पहला कार्यक्रम ह्यूस्टन में है, इसके बाद वह न्यूयॉर्क के लिए रवाना होंगे। न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री को कई कार्यक्रम में हिस्सा लेना है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र में 27 सितंबर को होने वाला भाषण भी है।