नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शन का सिलसिला कुछ थमा था पर आज एक बार फिर से दिल्ली में विरोध प्रदर्शन हुए। दिल्ली में पड़ रही कड़ाके की ठंड का उन प्रदर्शनकारियों के ऊपर थोड़ा सा भी असर नहीं दिख रहा था। ये सभी प्रदर्शनकारी लाल किला के सामने मस्जिद पर एकजुट होकर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अपना विरोध जाहिर कर रहे थे।

दरअसल इन प्रदर्शनकारियों में अधिकतर वो लोग थे जो जुमे की नमाज पढ़ने के लिए आए थे। इन सभी प्रदर्शनकारियों ने नए कानून और प्रस्तावित एनआरसी के विरोध में नारेबाज़ी की है। प्रदर्शनकारियों ने कहना है की “इस देश को एनआरसी, एनपीआर नहीं चाहिए। इस देश को रोजगार चाहिए। इस देश को अमन और शांति चाहिए।” विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में जो पोस्टर्स और बैनर्स उठाये हुए थे  उनमे “संविधान को बचाओ, भारत को मत बांटो” लिखा हुआ था।

बहरहाल इस विरोध प्रदर्शन के दौरान अहिंसा बनाए रखने की भी अपीलें होती रहीं। इस दौरान कुछ विपक्षी दल के नेता भी प्रदर्शनकारियों के बीच नजर आये और अपनी राजनितिक रोटियां सकते दिखे। इन नेताओं में कांग्रेस पार्टी की अलका लांबा और दिल्ली के पूर्व विधायक शोएब इकबाल शामिल रहे।

कांग्रेस नेता अलका लांबा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ''देश में असल मुद्दा बेरोजगारी का है लेकिन आप (प्रधानमंत्री) लोगों को एनआरसी के लिए लाइन में खड़ा करना चाहते हैं जैसा नोटबंदी के दौरान किया गया था। देश और संविधान के लिए लोकतंत्र की आवाज उठाना आवश्यक है। केंद्र सरकार तानाशाह नहीं हो सकती और लोगों पर अपना एजेंडा नहीं थोप सकती है।"