मोदी सरकार ने जब से जम्मू कश्मीर में लगने वाली धारा 370 एवं 35 A को समाप्त किया है। तब से पाकिस्तान इस पर बौखलाया हुआ है और तरह तरह के बेबुनियाद बयान दे रहा है। वही दूसरी ओर जम्मू कश्मीर में आने वाले पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आने वाले गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग भी अब पाकिस्तान के इन बयानों का विरोध करते हुए सड़कों पर उतर आये है। इन्होंने पाकिस्तान सरकार पर बेहद ही गंभीर आरोप लगाए है।

पाकिस्तान की सरकार ने गिलगित-बाल्टिस्तान के विकास के नाम पर यहाँ के लोगों से जमीन अधिकृत की थी। पाकिस्तान की सरकार ने यहाँ पर एयरपोर्ट बनाने के नाम पर जमीन ली थी परन्तु वहां न तो एयरपोर्ट बना और न ही इन लोगों को इस जमीन का उचित मुआवजा दिया गया है। इस जमीन को लेकर पाकिस्तान सरकार के इरादे कुछ और ही है।

पाकिस्तान की सरकार द्वारा इन लोगों की जमीन को लिए कई वर्ष हो गए है परन्तु अभी तक इन्हे जमीन का उचित मूल्य नहीं मिला है। इन सभी बातों को लेकर अब गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग सड़को पर उतर आये है और पाकिस्तान का जमकर विरोध भी कर रहे है।

गिलगित बाल्टिस्तान के रहने वाले समाजिक कार्यकर्ताओं ने अमित शाह के उस बयान का समर्थन किया है जिसमे उन्होंने कहा था कि पीओके भी जम्मू कश्मीर का हिस्सा है और उसके लिए जान भी दे सकते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता एच सेरिंग ने बताया कि "यह पाक अधिकृत क्षेत्र भी लद्दाख का ही एक हिस्सा है और जम्मू कश्मीर राज्य के अंतर्गत आता है। उन्होंने भारत के संवैधानिक ढाँचे में गिलगित बल्टिस्तान को उचित जगह देने की माँग की। उन्होंने राज्यसभा व लोकसभा में प्रतिनिधित्व की माँग की।"