इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे विवाद में पिछले 12 नवंबर को बढ़ी घटना सामने आई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इजरायल ने आतंकी सरगना बहा अबू अल-अता को उसके पूरे परिवार के साथ मार दिया है। इजरायल ने उसे मिसाइल का निशाना बनाया था। इस घटना में बहा अबू अल-अता अपनी पत्नी के साथ मारा गया है। इस पर इजरायल के प्रधानमंत्री ने अपना बयान देते हुए कहा कि "अबू-अल अता एक ‘Ticking Bomb’ था, जो पूरे इजरायल को तबाह करने का सपना पूरा करने के लिए कई आतंकी हमले की साजिश रच रहा था।"

यह घटना होने के कुछ समय बाद फिलिस्तीन के आतंकी संगठन "फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद" ने भी रॉकेट से हमला कर दिया और करीब 200 रॉकेट दागे। इस संगठन ने इजरायल से बदला लेने की धमकी भी दी है। फिलिस्तीन के आतंकी संगठन द्वारा छोड़े गए रॉकेट इजरायल के राष्ट्रीय राजमार्ग पर गिरे थे। इस हमले में कई लोग घायल हो गए है और कई गाड़ियों को नुकसान पंहुचा है।

फिलिस्तीन के आतंकी संगठन द्वारा किये गए हमले का इजरायल ने जमकर जवाब दिया है। 12 नवंबर से 14 नवंबर के बीच हुई इस गोलाबारी में फिलिस्तीन के करीब 34 लोग मारे जा चुके है। कई लोगों के घायल होने की सम्भावना है।

इतने नुकसान के बाद फिलिस्तीन प्रशासित गाजा के इस्लामिक जिहादी समूह ने इजरायल के साथ संघर्ष विराम पर सहमत हुआ है परन्तु इजरायल के विदेश मंत्री ने कहा है कि आतंकियों को चुन चुन कर मारने का काम जारी रहेगा।

इस्लामिक जिहाद के प्रवक्ता मुसब अल बरीम ने बताया कि "संगठन ने अपने नेताओं को इजरायली सेना की ओर से निशाना नहीं बनाए जाने सहित कई माँगें की थी, जिसे स्वीकार किए जाने के बाद सघंर्ष विराम पर सहमति बनी।" वहीं दूसरी ओर इजरायली सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल एविचे एडराई ने ऐसे किसी समझौते की पुष्टि नहीं की है।

आज सुबह 15 नवंबर को इजरायल सेना ने ट्वीट करके इस बात की पुष्टि की है कि “आईडीएफ (इजरायली रक्षा बल) इस समय गाजा पट्टी में इस्लामिक जिहाद के आतंकी ठिकानों पर हमला कर रहा है।”