पाकिस्तान से खबर आ रही हैं कि वहां की इमरान सरकार जैश-ए-मोहम्‍मद के प्रमुख मसूद अजहर और लश्‍कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने वाली है। इस कार्यवाही में सरकार उनकी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा सकती है। पाकिस्तान अमेरिका के फ्लोरिडा में 20-21 जून को होने वाली फ़ाइनेंशियल एक्शन टास्क फाॅर्स की मीटिंग के मद्देनज़र यह कार्यवाही कर रहा है। पाकिस्तान के लिहाज से मीटिंग बेहद अहम है और वो आतंक के खिलाफ कार्यवाही करके अपनी छवि को सुधारने की कोशिश कर रहा है।

फ़ाइनेंशियल एक्शन टास्क फाॅर्स (एफएटीएफ) वह संगठन है जिसके द्वारा आतंकी संगठन को होने वाली फंडिंग पर निगरानी रखी जाती है। एफएटीएफ की यह बैठक इस लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है कि इसमें यह निर्णय लिया जायेगा की पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा जाए जा उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाए। संगठन के द्वारा पाकिस्तान को 15 महीने तक का समय दिया गया था तथा इसकी डेडलाइन अक्टूबर में समाप्त होने वाली है। एफएटीएफ की ऑरलैंडो फ्लोरिडा में होने वाली बैठक में 27 बिंदुओं पर चर्चा होगी। इस दौरान पाकिस्तान से जवाब माँगा जायेगा कि उसने आतंकियों को मिल रही आर्थिक मदद को रोकने के लिए क्या कदम उठाये। एफएटीएफ के अगली बैठक अक्टूबर में पेरिस में होगी। इसमें संगठन के द्वारा पाकिस्तान के बारे में कोई महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सकता है।

पाकिस्तान के अधिकारियों ने 15 मई को अब्दुल रहमान मक्की को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा यह भी खबर आ रही है ईद के मौके पर लश्कर सरगना हाफिज सईद भी सभा नही कर पाया था। जब वह लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में लोगों को संबोधित करने पहुंचा तो पुलिस ने उसे रोक दिया। गौरतलब है कि हाफिज सईद पर 10 मिलियन डॉलर तथा मक्की के ऊपर 2 मिलियन डॉलर का ईनाम रखा गया है।

पाकिस्तानी अधिकारियों ने अजहर और उसके दो भाइयों पर बहावलपुर और उसके आसपास के इलाकों में घूमने पर प्रतिबंध लगा दिया है। 14 फरवरी को होने वाले पुलवामा हमले के बाद उसके एक भाई को हिरासत में लिया गया था, लेकिन फिलहाल उसे आज़ाद कर दिया गया है।