भारत से दुश्मनी के कारण पिछले कुछ समय से पाकिस्तान हर मोर्चे पर एक असफल देश के रूप में दुनिया के सामने आया है। इसी कड़ी में पाकिस्तान को एक बार फिर से विश्व समुदाय के समक्ष शर्मसार होना पड़ा है। दरअसल पाकिस्तान पर न्यूक्लियर स्मग्लिंग के आरोप लगे हैं।

वैसे पाकिस्तान पर न्यूक्लियर स्मग्लिंग और अवैध तरीके से मिसाइल टेक्नॉलोजी को हासिल का आरोप पहली बार नहीं लगा है और यह कई बार लग चुका है। पाकिस्तान के बारे में यह कहा जाता है की यह बिना किसी विज्ञान और तकनीक के आधार के चोरी और छलपूर्वक वह परमाणु शक्ति संपन्न देश बना और बैलिस्टिक मिसाइल पावर हासिल की।

बहरहाल इन्हीं आरोपों कि कड़ी में एक बार फिर से पाकिस्तान पर न्यूक्लियर स्मग्लिंग के आरोप लगाए गए हैं। दरअसल अमेरिका में पांच पाकिस्तानी पकड़े गए हैं, जिनके रावलपिंडी के ‘बिजनेस वर्ल्ड’ से रिश्ते है और उनपर पाकिस्तान के न्यूक्लियर और मिसाइल कार्यक्रम के लिए अमेरिकन टेक्नॉलोजी के स्मग्लिंग का आरोप लगाया गया है।

अमेरिका द्वारा पकडे गए इन पाकिस्तानियों में 41 वर्षीय मोहम्मद कामरान वली पाकिस्तान के हैं, 48 वर्षीय मोहम्मद एहसान वली कनाडा के ओंटारियो के रहनेवाले हैं, 82 वर्षीय हाजी वली मोहम्मद शेख, अशरफ खान मोहम्मद हांगकांग के रहनेवाले हैं और 52 अहमद वहीद  यूनाइटेड स्टेट्स इलफोर्ड एस्सेक्स के रहनेवाले।

इन सभी पाकिस्तानी लोगों पर इंटरनेशल इमरजेंसी इकॉनोमिक पावर्स एक्ट और एक्सपोर्ट कंट्रोल रिफॉर्म एक्ट के उल्लंघन करने की साजिश का आरोप लगा है। अमेरिकी असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल ऑर नेशनल सिक्योरिटी जॉन सी. डेमर्स ने इस मामले पर बयान जारी करते हुए कहा कि “आरोपी वर्षों से उन्हें अमेरिकी चीजों की स्मग्लिंग कर रहा है, जिसका सीधा संबंध पाकिस्तान के हथियार कार्यक्रम से है जो अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।यह जाहिर करता है कि अमेरिकी व्यवसायी को इस तरह के कपटपूर्ण व्यवहार पर नजर रखने की आवश्यकता है।"