पाकिस्तान में प्रशासन का अत्याचार गैर-मुसलमान करार दिए जा चुके अहमदियों पर थम नहीं रहा है। खबरो के अनुसार बहावलपुर जिले के हासिलपुर गाँव में अहमदियों का 70 साल पुराना मस्जिद ध्वस्त कर दिया गया खुद समुदाय के प्रवक्ता सलीमुद्दीन ने इसकी जानकारी दी।
सलीमुद्दीन ने बताया कि, “हासिलपुर के असिस्टेंट कमिश्नर ने बालदिया कार्यकर्ताओं के साथ एक टीम बनाई और मुराद जिला स्थित अहमदियों के 70 वर्ष पुराने इबादत स्थल को बिना किसी सूचना के नष्ट कर दिया।”
पाक प्रशासन ने इस घटना पर अपनी सफाई में कहा है कि मस्जिद का निर्माण अतिक्रमण करके किया गया था। हालांकि सलीमुद्दीन का कहना कि मस्जिद का निर्माण समुदाय के स्वामित्व वाले स्थान पर हुआ था और यहाँ पर ये मस्जिद कई दशकों से था।
अहमदियों पर पाकिस्तान में अत्याचार की कहानी दशकों पुरानी है। पहले साल 1974 में इन्हें पाकिस्तानी संसद ने गैर मुसलमान करार दिया था और कुछ साल बाद इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया कि खुद को ये लोग मुसलमान न कहें। फिर इन्हें इनके धार्मिक आदर्शों को पढ़ाए जाने से रोका जाने लगा और फिर इनके हज जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया।
इसके अतिरिक्त पाकिस्तान में अन्य अल्पसंख्यकों की स्थिति सही नही है। कई ऐसे मामले सामने आए, जिनमें हिंदू और सिख लड़कियों का अपहरण करके उनका धर्म-परिवर्तन कराया गया है और फिर उनका निकाह किसी मुस्लिम युवक से करवा दिया। पाकिस्तान में हिंदू प्रिंसिपल, हिंदुओं की दुकानों पर प्रहार, हिंदू मंदिर तोड़े जाने की खबरे भी अधिक पुरानी नहीं हैं इसमें खुलासा हुआ था कि हिंदुओं पर हमला किसी घटना के आक्रोश की वजह से नहीं था, बल्कि वह एक सोची-समझी साजिश थी जिससे हिंदू बच्ची के अपहरण के मामले को दबाया जा सके।