पाकिस्तानी सेना के चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा मुश्किलों में फसते नजर आ रहे हैं। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें निलंबित कर दिया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा उन्हें निलंबित किये जाने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान उनके बचाव में आ गए हैं। इमरान ने इस बाबत एक आपात कैबिनेट बैठक बुलाई और इस बैठक में जनरल बाजवा के सेवा विस्तार को मंजूरी दी गई। खबरों के अनुसार बावजा के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए डिफेंस एक्ट में संशोधन किया गया और उसमे 'विस्तार' शब्द को जोड़ा गया।
जनरल बाजवा पर सुप्रीम कोर्ट के झटके के साथ साथ कुछ और हमले भी हो रहे हैं। इन हमलों में एक है उनकी धार्मिक पहचान से जुड़ा हुआ जिसके तहत पाकिस्तान में बाजवा के मुसलमान होने पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं।
कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान की पेशावर हाई कोर्ट में पाक आर्मी के पूर्व मेजर खालिद शाह ने एक याचिका दायर की जिसमें बाजवा की नियुक्ति को इस आधार पर चुनौती दी गई कि वह कांदियानी समुदाय से आते हैं। बता दें की कांदियानी समुदाय को पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिम के रूप में पहचाना जाता है और अहमदिया मुसलमानों को पाकिस्तान के मुख्य धारा के मुसलमान गैर-मुस्लिम के कहते हैं।
पाकिस्तान में ऐसा कानून है की कोई भी गैर मुस्लिम शख्स आर्मी चीफ नहीं बन सकता है। इसी को आधार बना कर यह याचिका दायर की गई है और इसमें पूर्व डीजी आईएसआई रिजवान अख्तर को लेकर भी मुस्लिम होने की ड्यूटी नहीं पूरी करने का जिक्र किया गया है। इसके साथ ही याचिका में कहा गया है की इन दोनों ने अपनी गैरमुस्लिम होने की सच्चाई को छुपाया है।