जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अज़हर को 1 मई को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के बाद से मसूद पर कई पाबंदियाँ लगायी जा रही है। पाकिस्तान ने मसूद अज़हर की संपत्ति को जप्त कर लिया है और उसके विदेश आने-जाने पर भी रोक लगा दी है। गुरुवार को पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया जिसमे कहा गया कि सरकार ने घोषणा की है कि अज़हर के विरुद्ध  रेजोल्यूशन 2368 (2017 का) पूर्ण रूप से लागू होगा। इसके लिए अफसरों को आदेश दिया गया है कि मसूद अज़हर पर लगाए गए प्रतिबंधों को पूरी तरह से अमल करे। मसूद के हथियारों की ख़रीद-बिक्री करने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।

गुरुवार को यूएन में भारतीय राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि उन्होंने जैश सरगना मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी घोषित किए जाने के विषय पर धोनी जैसी ही निति अपनायी। उन्होंने कहा कि  मैं एमएस धोनी की तरह कार्य करने में विश्वाश रखता हूँ। धोनी की तारीफ करते हुए कहा की वह धीरज रखते हुए सिर्फ अपने लक्ष्य को ध्यान में रखते है।

मसूद अज़हर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के लिए भारत 10 सालों से प्रयास कर रहा था। वह भारत में कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार है। साथ ही 14 फरवरी को पुलवामा में हुए सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के पीछे भी मसूद का ही हाथ था। 2001 में संसद पर हुए हमले में भी मसूद दोषी पाया गया था। जैश के आतंकियों ने जनवरी 2016 में पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर हमला किया था और इसी साल उरी में सेना के हेडक्वॉर्टर को भी नुकसान पहुँचाया था।

जैश सरगना को ग्लोबल आतंकी घोषित किये जाने से पाकिस्तान के लिए एक बड़ी कूटनीतिक हार हुई है। भारतीय विदेश मंत्रालय का यह बयान तब आया जब पाकिस्तान इस बात का दावा कर रहा है कि उसने सारे राजनीतिक तथ्यों का बारीकी से अध्ययन करने के उपरांत ही प्रस्ताव पर हामी भरी है।