महाराष्ट्र में चले लम्बे राजनीतिक ड्रामे की कल परिणीति हो गई और पहली बार ठाकरे खानदान से कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री बन गया। जैसा की आप जानते हैं की उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने में एनसीपी और कांग्रेस का भी योगदान है और इसी योगदान को सही साबित करने के लिए शिवसेना पिछले कुछ दिनों से अपनी कट्टर हिंदूवादी छवि के इतर सेक्युलर राग गाने में लगी हुई है। हर मंच पर शिवसेना के बड़े नेता देश को सेक्युलर बता कर अपनी हिंदूवादी छवि से दूर भागना चाह रहे हैं परन्तु उनके सहयोगी और देश के अन्य सेक्युलर सरकारें अभी भी उद्धव और शिवसेना पर विश्वास नहीं कर पायी हैं शायद यही वजह है की कल के शपथ ग्रहण समारोह में बहुत सारे प्रसिद्ध सेक्युलर नाम नदारत रहे।
कल मुंबई के शिवाजी पार्क में आयोजित किये गए उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से कोई भी मौजूद नहीं रहा। वहीं साथ ही साथ इस समारोह में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी शामिल नहीं हुई।
इस शपथ ग्रहण से भाजपा के विरूद्ध विपक्ष की एकजुटता दिखाई जा सकती थी पर शिवसेना की पुरानी कट्टर हिंदूवादी छवि का खौफ शायद अभी भी विपक्ष को है और इसीलिए उन्होंने इस समारोह से दूरी बना कर रखी।
मी उद्धव बाळासाहेब ठाकरे... pic.twitter.com/rgbiHoFzlX
— Office of Uddhav Thackeray (@OfficeofUT) November 28, 2019
इससे पहले जब कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हुआ था तब विपक्षी दलों के कई दिग्गज नेता एक ही मंच पर नजर आये थे। उस दौरान मंच पर वर्तमान यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, तब के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, कुमारस्वामी के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बसपा प्रमुख मायवती, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी नजर आए थे।