भीड़ द्वारा किये गए अपराधों में वृद्धि के चलते तृणमूल कांग्रेस सांसद नुसरत जहां का भी एक बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने घृणा अपराधों के लिए 49 प्रतिष्ठित हस्तियों द्वारा लिखे गए पत्र की सराहना की है और कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय ‘भीड़ तंत्र के खौफनाक कृत्यों का सामना कर रहा है।'
उन्होंने अपने बयान में कहा ‘देश में घृणा अपराधों और भीड़ हत्या की घटनाओं में जबर्दस्त वृद्धि हुई है। साल 2014-19 की अवधि में मुस्लिमों, दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ सर्वाधिक घृणा अपराध हुए हैं। साल 2019 में ही 11 से अधिक घृणा अपराध हो चुके हैं और चार लोग मारे जा चुके हैं और वे सभी अल्पसंख्यक और दबे-कुचले थे।'
सांसद नुसरत जहां ने यह भी कहा कि ऐसी कई घटनाएं देशभर में हुई हैं जहां गो रक्षकों ने गोमांस खाने और मवेशी की तस्करी की अफवाह पर ही लोगों पर हमला कर दिया था।
भीड़ हत्या की घटनाओं के पीड़ितों के बारे में उन्होंने कहा कि, ‘इस संबंध में सरकार की सोची समझी चुप्पी और निष्क्रियता ने हमें बुरी तरह प्रभावित किया है। हमारे देश में अन्याय के अनेक नाम हैं जिनमें तबरेज अंसारी, मोहम्मद अखलाक और पहलू खान शामिल हैं।'
बता दें कि उत्तर प्रदेश के दादरी में 4 साल पहले भीड़ ने गो हत्या के संदेह के चलते 52 वर्षीय मोहम्मद अखलाक की हत्या की गई थी और 1 अप्रैल 2017 को गो रक्षकों ने दिल्ली-अलवर राजमार्ग पर मवेशी ले जाने के दौरान पहलू खान की पीट-पीटकर हत्या की थी। इस साल 24 वर्षीय तबरेज अंसारी की झारखंड में उग्र भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या की। उससे भीड़ ‘जय श्री राम' कहलवाना चाहती थी।
इसी सब के चलते इस विषय पर पश्चिम बंगाल के बसीरहाट से सांसद नुसरत जहां ने ‘जय श्री राम' के नारे पर चिंता जताई है और उन्होंने लिखा है, ‘‘उग्र भीड़ ने वास्तव में भगवान के नाम को हत्या की चीख में बदल दिया है। भीड़ हत्या के अपराधी हमारे देश के दुश्मन के सिवाय और कुछ नहीं है।“