सरयू नदी के किनारे 'इक्ष्वाकु नगरी' के नाम से बनेगी नई अयोध्या, राम जन्मभूमि होगा केंद्र

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Nikhil Talwaniya
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सरयू नदी के किनारे 'इक्ष्वाकु नगरी' के नाम से बनेगी नई अयोध्या, राम जन्मभूमि होगा केंद्र

सदियों तक चले अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद का पिछले दिनों अंत हो गया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में ऐतिहासिक निर्णय दिया और राम मंदिर बनाये जाने का रास्ता साफ़ कर दिया। अब इस फैसले के बाद अयोध्या शहर के विकास से जुड़ी भी कई ख़बरें सुनने को मिल रही हैं। इसी कड़ी में अब उत्तर प्रदेश सरकार ने अवधपुरी में 'इक्ष्वाकु नगरी' नाम से एक नई अयोध्या बसाने का खाका तैयार किया है।

इस खाके के अनुसार बनाई जाने वाली नई अयोध्या का केन्द्र बिंदु भगवान श्री राम जन्मभूमि होगी साथ ही साथ इसका विस्तार सरयू नदी की सीमाओं के अनुसार होगा। ऐसा प्रस्ताव किया गया है की इस परियोजना के प्रथम चरण में सात हजार करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे।

उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में चले अपने दो दिवसीय प्रवास में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकारियों से मिलकर इस प्रस्तावित परियोजना के अहम पहलुओं पर विचार विमर्श किया। ऐसी संभावना है की जैसे ही भगवान श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण हेतु शिलान्यास होने के साथ ही इस नई अयोध्या के निर्माण की परियोजना की भी घोषणा कर दी जायेगी।

योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान संघ के सह कार्यवाह भैयाजी जोशी, सह सर कार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल और विहिप के अन्तरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय और संघ के क्षेत्र प्रचारक अनिल कुमार संग बहुत लंबी चर्चा की। इस चर्चा के दौरान वहाँ प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी भी उपस्थित रहे।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस नए बनने वाले अयोध्या में रामायणकालीन सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक इतिहास को विभिन्न माध्यमों से नए संदर्भों में पेश किये जाने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही यहाँ शोध केन्द्र, ऑडिटोरियम, गुरुकुल के निर्माण का भी प्रस्ताव है।

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