चंद्रयान 2 के लैंडर विक्रम को लेकर अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA (National Aeronautics and Space Administration) ने अपनी रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है की चांद की सतह पर विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग हुई थी। NASA ने विक्रम को खोजने के लिए लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर (LRO) भेजा था। NASA ने कहा है कि अब हम विक्रम लैंडर को दोबारा अक्टूबर में खोजने की कोशिश करेंगे।

NASA ने बताया की 17 सितंबर को LRO ने उस सतह के ऊपर से उड़ान भरी जंहा विक्रम लैंड होना था ।  लेकिन दक्षिणी ध्रुव पर रात होने के कारण लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर (एलआरओ) विक्रम की तस्वीर नहीं ले सका। हालांकि इसके अलावा नासा ने चंद्र सतह की कई तस्वीरें जारी की है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इन गढ्ढों के पीछे छाए घने अंधेरे में लैंडर विक्रम कहीं गिरा हुआ हो।

इसके अलावा एलआरओ मिशन के डिप्टी प्रोजेक्ट साइंटिस्ट जॉन कैलर ने एक बयान में कहा कि एलआरओ 14 अक्टूबर को दोबारा विक्रम के लैंडिंग स्थल के ऊपर से उड़ान भरेगा जब वहां रोशनी बेहतर होगी। हो सकता है हमे विक्रम का पता चल जाए।

वही भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO के चेयरमैन डॉ. के. सिवन ने कहा है कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर बेहतरीन काम कर रहा है। हमारा ऑर्बिटर अभी भी चांद के चारों तरफ चक्कर लगाते हुए उम्दा प्रदर्शन कर रहा है। उसके सारे पार्ट्स सही तरीके से काम कर रहे हैं। ऑर्बिटर ने चांद को लेकर प्रयोग करने शुरू कर दिए हैं।