अगले हफ्ते पीएम नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे पर ह्यूस्टन रैली और संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगे साथ ही वह आतंकवाद विरोधी अभियान के साथ बड़े निवेश से संबंधित कार्यक्रमों में भी भाग ले सकते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार 23 सितंबर को पीएम मोदी यूएन की आतंकवाद विरोधी मीटिंग में जॉर्डन, फ्रांस और न्यूजीलैंड के नेताओं के साथ सम्मिलित हो सकते है। इतना ही नहीं वह ब्लूमबर्ग बिजनेस मीट को भी संबोधित करने वाले है।

इसमें प्रधानमंत्री मोदी भारत में कारोबारी सुगमता में सुधार का मुद्दा भी उठा सकते हैं। ख़बरें है कि अलग से मोदी अमेरिकी कंपनियों के चीफ एग्जिक्यूटिव्स के साथ भी मुलाकात कर सकते है। वह इसमें अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने हेतू उनसे निवेश बढ़ाने की अपील भी करने वाले है।

ग्लोबल टेक्नॉलजी दिग्गज भी आतंकवाद विरोधी बैठक में सम्मिलित होने वाले है। समस्त सरकारें चाहती है कि वह ऑनलाइन आतंकवाद को फैलने से रोक सके। यह मीटिंग फ्रांस के आतंकवाद से लड़ने के लिए उठाए गए उपायों और मार्च में क्राइस्टचर्च आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में हो रही है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बढ़ती नफरत की रोकथाम के लिए फ्रांस उपाय भी कर रहा है। मोदी इस बैठक में सीमा पार आतंकवाद और आतंकी फंडिंग रोकने जैसे मसलों को भी रेखांकित कर सकते हैं।

आयोजकों के अनुसार, इस फोरम की थीम ‘रिस्टोरिंग ग्लोबल स्टेबिलिटी’ है। इस कार्यक्रम में दुनिया की खुशहाली के लिए सरकार, पर्यावरण से जुड़ी अस्थिरता की चुनौतियों से निपटने के लिए और कारोबारियों को आर्थिक परिस्थिति से निपटने के लिए एक साथ किया जाएगा। इस कार्यक्रम में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डेन, यूरोपीय सेंट्रल बैंक की अगली प्रेसिडेंट, इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड की पूर्व प्रमुख क्रिस्टीन लगार्ड, बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर मार्क कर्नी, गोल्डमैन सैक्स के डेविड सोलोमन, वॉल्ट डिज्नी के सीईओ बॉब इगर, जेपी मॉर्गन चेज के जेमी डाइमन, सिटी बैंक के माइकल कॉर्बेट, क्रेडिट सुइस के टिडजेन थियम और उबर के दारा खुसरोशाही जैसे गणमान्य लोग भी सम्मिलित होंगे।