मोदी सरकार फसल बीमा योजना में व्यापक बदलाव करने जा रही है। इससे किसानों को बीमा योजना का लाभ बेहतर तरीके से उपलब्ध हो सकेगा। इन बदलावों के बाद पर देश के लाखों किसानों को फायदा मिलेगा। सरकार अब फसल बीमा योजना को स्स्वैच्छिक बनाने जा रही है। योजना के इस लचीलेपन से किसानों का विश्वास जीतने में मदद मिलेगी। अभी किसानों के लिए नामांकन अनिवार्य है।
इन बदलावों में सरकार ऊँचे प्रीमियम वाली फसलों को हटाने तथा राज्यों में ग्राहकों की विशेष ज़रूरतों के आधार पर कृषि उत्पाद उपलब्ध कराने की प्रक्रिया पर बल देगी। न्यूज़ एजेंसी पी टी आई के मुताबिक PMFBY अपने क्रियान्वयन के सातवे चरण में है। इस योजना में सरकार को अब तक कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। योजना में कमियों को पहचान लिया गया है और जल्द ही नए बदलावों में इन्हें दूर कर दिया जाएगा।
इस योजना में बदलावों के मद्देनज़र राज्य सरकारों से भी सुझाव मांगे गए हैं। इस योजना में कर्ज लेकर खेती करने वाले किसानों को कम दर पर बीमा कवर दिया जाएगा तथा ऋण नही लेने वाले किसानों को भी बीमा का लाभ दिया जाएगा।
मोदी सरकार ने किसानों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए फसल बीमा योजना की शुरुआत 18 फरवरी 2016 को की थी। ये योजना कृषि बीमा योजना और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के स्थान पर लायी गई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों पर प्रीमियम के बोझ को कम करने और बीमा क्लेम के जल्द सेटलमेंट का लक्ष्य रखा गया है। मौसम की मार या प्राकृतिक आपदा से फसलों को होने वाले नुकसान से किसानों पर आर्थिक दबाव न पड़े इसी के मद्देनज़र इस योजना को शुरू किया गया है। पूर्ववर्ती योजनाओं की कमियों को भी इससे दूर करने का प्रयास किया गया है।