बिहार के आरा स्थित कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय का एक खुलासा सामने आया है जिसमे वहां रहने वाली छात्राओं ने हॉस्टल वॉर्डन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्राओं का कहना है कि रात के अंधेरे में वॉर्डन द्वारा गर्ल्स हॉस्टल में पुरुषों को बुलाया जाता है। छात्राओं ने आरोप लगाया कि वहां उनसे अपना निजी काम भी करवाया जाता है। इस सम्बन्ध में हॉस्टल पहुँच कर स्थानीय आला अधिकारियों ने इसकी जाँच की। जाँच में पाया गया कि बिना एंट्री दर्ज किए ही अवैध रूप से 2 महिलाएँ व 2 अन्य लड़कियाँ गर्ल्स हॉस्टल में रह रही थी। विजिटर रजिस्टर में भी उनकी कोई एंट्री नहीं थी।
इस मामले के बारे में ग्रामीणों ने कहा कि गार्ड सद्दाम और हॉस्टल वॉर्डन गीता दोनों मिलकर छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार और आपत्तिजनक काम करते थे। चारों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है। प्रशासन से मामले की रिपोर्ट बिहार राज्य महिला आयोग ने भी माँगी है।
यह मामला संज्ञान में तब आया जब हॉस्टल से जुलाई 3, 2019 को दो छात्राएँ भाग निकली थीं। उन्हें पकड़ कर ग्रामीणों ने पुलिस को सौंप दिया था। इसके बाद उनका बयान लिया गया और उसी के आधार पर कार्रवाई की गई।
जैसे ही इस घटना की जानकरी वहां रह रही 80 छात्राओं के परिजन को लगी तो वे छात्राओं को अपने साथ वापस ले गए। जाँच के दौरान छात्राओं ने बताया कि उनसे हॉस्टल वॉर्डन मालिश भी करवाती थी। यह भी आरोप लगाया कि हर रात 12 बजे से 1 बजे के मध्य स्थानीय मुखिया भी गर्ल्स हॉस्टल में आया करता था।
पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव ने कहा कि, “यहाँ सुरक्षा व्यवस्था मापदंडों के अनुरूप नहीं है। हॉस्टल के वॉर्डन पर लगे आरोपों की उच्चस्तरीय जाँच कराई जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके।”