साल 2012 के दिसंबर महीने में देश की राजधानी दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप मामले में शामिल अपराधी की फाँसी की तारीख तय कर दी गई है। इस बीच फाँसी से बचने के लिए आरोपियों की तरफ से नई नई याचिकाएं दायर की जा रही हैं। इसी कड़ी में निर्भया के दो दोषियों विनय कुमार शर्मा और मुकेश सिंह ने क्यूरेटिव पेटिशन सुधारात्मक याचिका दायर की थी।
आज सुप्रीम कोर्ट में निर्भया के गुनहगारों विनय कुमार शर्मा और मुकेश सिंह द्वारा दायर की गई क्यूरेटिव पेटिशन सुधारात्मक याचिका पर सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। बता दें की इस याचिका में दोनों दोषियों ने फाँसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी। पर कोर्ट की तरफ से इस मामले में दोषियों को कोई राहत नहीं दी गई।
गौरतलब है की पिछले दिनों दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले में शामिल चारों बलात्कारियों का डेथ वारंट जारी कर दिया था और फाँसी के लिए 22 जनवरी का दिन मुक़र्रर कर दिया था। अब जब सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आरोपियों को कोई राहत नहीं मिली है तो 22 जनवरी को फाँसी होने के चांसेज बढ़ गए हैं।
वैसे अभी एक और याचिका निर्भया के गुनहगारों की तरफ से अपने बचाव में डाली जा सकती है। अब आरोपियों के पास राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने का आखिरी विकल्प बचा है।
बहरहाल आज की सुनवाई के ठीक पहले निर्भया की मां ने अहम बयान में कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि दोषियों की क्यूरेटिव पेटिशन सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो जाएगी। इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आगामी 22 जनवरी की सुबह 7 बजे चारों को फाँसी पर लटकाया जाएगा। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिका ख़ारिज कर के निर्भया की मां को निराश नहीं किया है।