कहा जाता है कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं। बच्चों के दिल में किसी दूसरे धर्म जाति संप्रदाय के विरूद्ध कोई विद्वेष नहीं होता है। कुछ ऐसा ही देखने को मिला एक मुस्लिम बच्चे में। इस मुस्लिम लड़के को भगवान गणेश से जुड़ा एक ऐसा सपना आया कि उसने अपने सपने को पूरा करने के लिए एक बड़ा और कड़ा फैसला लिया।
यह पूरी घटना छत्तीसगढ़ के कोरबा में घटित हुआ है। मासूम मुस्लिम लड़के रमजान ने बताया कि उसे सपने में गणपति भगवान दिखाई देते थे। इसके लिए उसने अपने घर में गणपति पूजा की अनुमति मांगी तो मुस्लिम परिवार उस से नाराज़ हो गया और उसे ऐसा करने के लिए मना कर दिया। पर इन सब के बाद भी उसके परिवार वाले उसकी की श्री गणेश भक्ति को रोक नहीं पाए और रमजान भगवान गणेश की पूजा करने के लिए स्थान और समय की तलाश करने लगा।
वह यह जानता था कि घर या फिर घर के आस-पास गणेश जी की स्थापना करना कठिन है। इसलिए उसने अपने दोस्त मुबारक को अपने साथ लिया और उसके साथ गणपति स्थापना के लिए कोई उचित स्थान ढूंढने निकल गया। इसके बाद दोनों ने शहर के शारदा विहार रेलवे फाटक से थोड़ी ही दूर पर बने फुटपाथ पर एक झोपड़ीनुमा पंडाल का बंदोबस्त कर लिया। उस पांडाल के भीतर लोगो को भगवान श्री गणेश जी की एक मूर्ति स्थापित दिखी और बगल में पूजा का ढेर सारा सामान भी।
इसे देखकर स्थानीय लोगों से सोचा कि यह गणपति स्थापना मोहल्ले के बच्चों ने की होगी। परन्तु बाद में उन्हें मालूम हुआ कि भगवान गणपति को बिठाने वाले कोई और नहीं बल्कि कुआंभट्ठा इलाके के दो दोस्त रमजान और मुबारक हैं। अब हर दिन इस मोहल्ले के लोग गणेश जी की पूजा अर्चना करते हैं। वह रमजान और मुबारक को भी दो समय के खाने का इंतज़ाम करते हैं। यह दोनों बच्चे पंडाल के अंदर ही सोते हैं साथ ही मूर्ति की देखरेख भी करते है।
इस मामले में गणपति भक्त रमजान की मां अनुसार उसके अब्बा ने रमजान को फटकार लगाई थी। जिसके बाद वह और मुबारक घर से चले गए थे। इसकी जानकारी मंगलवार को किसी ने चाइल्डलाइन को दी और उसके बाद फिर पंडाल पर पहुंच कर रमजान और मुबारक दोनों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। अब पंडाल की देखरेख शारदा विहार फाटक के पास के लोग करते हैं।