ब्रिटेन में कल यानी 12 दिसंबर को आम चुनाव हुए और आज 13 दिसंबर को इसके नतीजे आ रहे हैं। अभी तक आये नतीजों में उस लेबर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है जिसने कश्मीर मसले पर भारत का विरोध किया था और पाकिस्तान की भाषा बोली थी। इन चुनावों में वर्तमान ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन की कंजरवेटिव पार्टी बहुमत के आंकड़े (326) को पार कर गई है।

बता दें की पीएम बोरिस जॉनसन की कंजरवेटिव पार्टी जहाँ 361 सीटें जीतती हुई नजर आ रही है वहीं विपक्षी दल लेबर पार्टी 200 सीटों के आस पास बहुमत के आंकड़े से बहुत पीछे सिमटती हुई नजर आ रही है।

कंजरवेटिव पार्टी की इस ज़बरदस्त जीत पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन को बधाई दी है। नरेंद्र मोदी ने अपना बधाई संदेश एक ट्वीट के माध्यम से दिया है। इस बाबत किये अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि 'पीएम बोरिस जॉनसन को प्रचंड बहुमत के साथ लौटने के लिए बहुत-बहुत बधाई। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूँ और भारत-ब्रिटेन संबंधों के लिए साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हूँ।'

बता दें कि 25 सितंबर को ब्रिटेन की विपक्षी दल लेबर पार्टी ने कश्मीर मसले पर एक प्रस्ताव पारित किया था। इस प्रस्ताव में उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग का समर्थन किया गया था। इस प्रस्ताव को पास करने के बाद भारतीय समुदाय ने ब्रिटेन की लेबर पार्टी की आलोचना की थी। लेबर पार्टी के भारतवंशी सांसद वीरेंद्र शर्मा और अन्य संसद बैरी गार्डिनर ने भी अपनी पार्टी के इस प्रस्ताव पर नाराजगी व्यक्त की थी।

लेबर पार्टी के इस भारत विरोधी प्रस्ताव के बाद 'ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी' ने कंजर्वेटिव पार्टी को समर्थन देने का फैसला किया था और ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी के अध्यक्ष कुलदीप सिंह शेखावत ने 'लेबर पार्टी को वोट ना देने' और भारतीय प्रवासियों को एकजुट रखने के लिए मंदिरों, गुरुद्वारों जैसे सामुदायिक संगठनों पर आयोजन भी किये थे।

बता दें की भारतीय समुदाय ब्रिटेन में एक बड़ा वोट बैंक है। लेबर पार्टी ने कश्मीर पर पाकिस्तान का पक्ष लेकर इस बड़े वोट बैंक को नाराज कर दिया था जिसका खामियाज आज उन्हें आम चुनावों में कंजरवेटिव पार्टी से करारी हार झेल कर मिली है। इन चुनावों में भारतीय समुदाय को लुभाने के लिए कंजरवेटिव के पीएम उम्मीदवार के हिंदी गानों वाले वीडियो भी खूब वायरल हुए  थे जिसमे भारतीय समुदाय से यह अनुरोध किया गया था की बोरिस जॉनसन को फिर प्रधानमंत्री बनाएं।