इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी थी। इसके लिए भारतीय वकील हरीश साल्वे की सोशल मीडिया पर खूब सराहना की जा रही है। इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में पाकिस्तान ने इस मामले में जीत हासिल करने के लिए दो वकील भी बदले परन्तु साल्वे अकेले ही दोनों वकीलों से लोहा ले रहे थे और उन्होने जाधव की फांसी रुकवाने में सफलता प्राप्त की।
इस मामले में सबसे दिलचस्प बात यह रही कि जहां पाकिस्तान ने जाधव को जासूस साबित करने के लिए अपने वकीलों पर 20 करोड़ रुपये से अधिक लुटाये वही पाकिस्तान की जेल में बंद जाधव का केस अंतरराष्ट्रीय अदालत में लड़ने हेतु देश के जाने-माने वकील हरीश साल्वे ने फ़ीस के रूप में केवल एक रुपया लिया।
बता दें कि साल्वे सबसे महंगे वकीलों में गिने जाते है और उनकी एक दिन की फ़ीस 30 लाख रूपए है। वह सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील हैं।
ICJ में साल्वे ने पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए जाधव केस की नींव वियना संधि के उल्लंघन पर रखी। अपने तर्कों के माध्यम से साल्वे ने यह साबित किया कि जाधव को पाकिस्तान ने काउंसलर एक्सेस नहीं देकर वियना संधि का उल्लंघन किया है। वह भारतीय नागरिक जाधव की फांसी की सजा रुकवाने में कामयाब भी हुए। इतना ही नहीं वह अपने तर्कों के माध्यम से जाधव को भारतीय नागरिक साबित करने में भी सफल हुए। साल्वे के तर्कों के समक्ष पाकिस्तानी वकली खावर कुरैशी पस्त पड़ गए। साल्वे की दलीलों की वजह से ही ICJ ने 15-1 से फैसला भारत के पक्ष में सुनाया।
जाधव की इस जीत की कामयाबी में अहम भूमिका निभाने के लिए साल्वे की खूब तारीफ सोशल मीडिया पर हो रही है। लोग उन्हें ट्वीट कर इसकी बधाई दे रहे हैं।