विधानसभा चुनावों के बाद महाराष्ट्र में चल रही सियासी खींचतान खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। संख्या बल में भाजपा से आधी सीटें लाने वाली शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद के लिए ना केवल एनडीए गठबंधन की छीछालेदर करवा ली बल्कि अपने वोटरों के बीच भी अपनी साख पर बट्टा लगवा लिया है। इसी बीच ऐसी खबर आ रही है की मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना द्वारा की जा रही जिद्द के पीछे मशहूर चुनावी रणनीतिकार और जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर हैं।
इस पूरे मामले में प्रशांत किशोर का नाम लिया है भाजपा नेता प्रीति गांधी ने। प्रीति गांधी ने एनडीए गठबंधन से शिवसेना के अलग होने के लिए प्रशांत किशोर को जिम्मेदार ठहराया। इस विषय पर उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि "प्रशांत किशोर ले डूबे।"
प्रशांत किशोर ले डूबा!#MaharashtraPolitics
— Priti Gandhi (@MrsGandhi) November 11, 2019
प्रीति गांधी ने अपने ट्वीट में यह भी कहा की "दरअसल इन सब के पीछे संजय राउत नहीं हैं क्योंकि वे तो बस प्रश्न किशोर की लिखी पठकथा पढ़ रहे हैं।"
He was reading the script written by PK.
— Priti Gandhi (@MrsGandhi) November 11, 2019
प्रीति गांधी के अलावा पूर्व जेडीयू नेता अजय आलोक ने भी इस मुद्दे पर प्रशांत किशोर पर इशारों इशारों में तंज कसा है। उन्होंने प्रशांत किशोर का नाम न लेते हुए अपने एक ट्वीट में लिखा की "एक हैं मास्टर स्ट्रैटेजिस्ट पिछले कुछ दिनो से शिव सेना उनसे ज्ञान ले रही थी नतीजा सब देख रहे हैं -अब महामहिम ने और समय नहीं दिया लगता हैं इस पहलू पे मास्टर साहब ने ध्यान नहीं दिया होगा !!! नतीजा ना तीन में ना तेरह में ! कहते हैं ना गफ़लत में सब गए , माया मिली ना राम। जय मातर साब।"
एक हैं मास्टर स्ट्रैटेजिस्ट पिछले कुछ दिनो से शिव सेना उनसे ज्ञान ले रही थी नतीजा सब देख रहे हैं -अब महामहिम ने और समय नहीं दिया लगता हैं इस पहलू पे मास्टर साहब ने ध्यान नहीं दिया होगा !!! नतीजा ना तीन में ना तेरह में ! कहते हैं ना गफ़लत में सब गए , माया मिली ना राम ।जय मातर साब
— Dr Ajay Alok (@alok_ajay) November 11, 2019
इनके अलावा बहुत सारे लोग कह रहे हैं की यह प्रशांत किशोर ही थें जिन्होंने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री का सपना दिखाया और इसी वजह से महाराष्ट्र में राजनैतिक उहापोह की स्थिति पैदा हो गई है।