उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहता है। किम जोंग अपनी तानाशाही के लिए भी जाना जाता है और कभी कभी किम जोंग अपने व्यवहार के कारण भी चर्चाओं में रहता है।
बता दे कि किम जोंग का जीवन भी बहुत ही दिलचस्प है। वह एक बेरहम शासक भी है उसने खानदान के कुछ लोगों और अपनी हुकूमत के कुछ अफसरों को मौत के मुंह सुलवाया था। किम जोंग के इस अजीबोगरीब जीवन को एक किताब में के रूप में सबके सामने लाया गया है। इसे वॉशिंगटन पोस्ट की पत्रकार एना फिफील्ड की किताब ‘द ग्रेट सक्सेसर: द डिवाइनली परफेक्ट डेस्टिनी ऑफ ब्रिलिएंट कॉमरेड किम जोंग उन’ में दर्शाया गया है कि आखिर किस तरह मशीनों के साथ खेलकरअपना बचपन गुजारने वाला बच्चा बड़ा होकर तानाशाह बन गया।
एना फिफील्ड की किताब में बताया गया है कि किम जोंग उन ने बचपन से लेकर जवानी तक बाहरी दुनिया नहीं देखी थी। किम जोंग उन कभी स्कूल भी नहीं गया। उसकी पढ़ाई-लिखाई शाही महल में ही पूरी हुयी। जिसके कारण उनका कोई दोस्त भी नहीं था।
बता दे कि पिछले दो साल से किम जोंग उन ने मिसाइलों के अंधाधुंध परीक्षण किया जिसके कारण अमेरिका की नींद उड़ गयी है। उसके बाद किम जोंग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। किम जोंग को बचपन से ही मशीनों से खेलने का शौक था खेलने के लिए विमानों के मॉडल, मशीनें और समुद्री जहाज जैसे खिलौने थे।
किम जोंग उन को बचपन से ही विमानों और समुद्री जहाजों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी जानना चाहता था। 2011 में उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने देश की सत्ता 27 साल की उम्र में ही संभाल ली थी। देश की सत्ता किम को पुश्तैनी तौर से मिली थी।
शाही महल में ही किम जोंग उन का पूरा बचपन गुजर गया। पावर, सत्ता और नौकरों से किस तरह बात करनी है, ये किम जोंग के बचपन से ही व्यवहार में दिखाई देता था। बचपन से ही किम जोंग बहुत चतुर थे। बचपन में जब किम जोंग की मुलाकात पहली बार जापान के शेफ से हुयी थी तब जोंग ने उनसे हाथ मिलाने के स्थान पर उन्हें इस तरह घुरा जैसे की वह कोई दुश्मन देश का हो।
किम का रहन-सहन शाही परिवार की तरह होने के कारण किम के परिधान ब्रिटिश कपड़े के बनाये जाते थे। एना की किताब के मुताबिक किम जोंग और उनका शाही परिवार देश के एक खास हिस्से में पैदा होने वाला विशेष किस्म का ही चावल खाता था। इन ख़ास चावलों के लिए खेतों में खास महिला मजदूरों को तैनात किया जाता था। ये महिलाएं शाही परिवार के लिए एक समान साइज के चावल चुनकर भेजा करती थीं।