गुजरात एटीएस ने राजस्थान की सीमा पर शमलाजी के पास से हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के मुख्य आरोपित अशफाक शेख और मोईनुद्दीन पठान को गिरफ्तार कर लिया है। यूपी पुलिस की 4 सदस्यीय टीम दोनों आरोपितों को लखनऊ लाने के लिए गुजरात रवाना हो गई है। दोनों को यूपी पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर लेकर लखनऊ आएगी। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि हत्यारोपितों को कानून के तहत जो भी सजा का प्रावधान होगा वह उन्हे दिलवाया जाएगा साथ ही पूर्ण कोशिश होगी की मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाकर दोनों को फांसी की सजा दिलवाई जाए।

गुजरात एटीएस के डीआइजी हिमांशु शुक्ल ने बताया है कि मंगलवार की शाम दोनों को उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वे गुजरात की सीमा में घुसने वाले थे। 34 वर्षीय अशफाक और 27 वर्षीय मोईनुद्दीन गुजरात के सूरत के रहने वाले हैं। दोनों ने पैसे खत्म होने के बाद अपने परिवार जन और दोस्तों से संपर्क किया था, जिस पर सर्विलांस के द्वारा दोनों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी।

यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने एक दिन पहले ही दोनों पर ढाई-ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। डीजीपी ओपी सिंह ने बताया है कि घटना के बाद से ही पुलिस लगातार दोनों पर दबाव बनाए हुए थी, जिसके चलते उनकी गिरफ्तारी हो सकी। अहमदाबाद के एटीएस ऑफिस में गिरफ्तार दोनों आरोपितों से लखनऊ पुलिस की टीम पूछताछ भी करेगी। यूपी पुलिस की टीम में एसएचओ नाका सुजीत दुबे, सीओ क्राइम दीपक सिंह, एवं दो अन्य सदस्य शामिल हैं।    

दोनों हत्यारोपितों शेख अशफाक हुसैन और पठान मोइनुद्दीन अहमद ने पूछताछ में अपना जुल्म कुबूल कर लिया है। गुजरात पुलिस को उन्होंने बताया है कि कमलेश तिवारी के विवादित बयानों के चलते हत्या की गई।